
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बनने के बाद पहली बार अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर गए, जहां प्रवासी भारतीयों ने राहुल गांधी का जबरदस्त स्वागत किया।
राहुल गांधी ने अमेरिका के डलास में पहुंच कर टेक्सास यूनिवर्सिटी के छात्रों से संवाद किया, और बताया कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा क्यों की थी। राहुल गांधी ने देश की वर्तमान स्थिति से छात्रों को अवगत कराया, और कहा कि भारत में स्किल की कोई कमी नहीं है, मगर युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।
राहुल गांधी ने प्रवासी छात्रों को अपने मिशन और विजन से भी अवगत कराया। राहुल गांधी के संवाद कार्यक्रम को लेकर प्रवासी छात्र-छात्राएं खुश और उत्साहित नजर आए।
राहुल गांधी ने इंडियन डायसपोरा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहब्बत की दुकान खोलकर प्रवासी भारतीयों के माध्यम से विश्व जगत को तीन मंत्र दिए मोहब्बत, सम्मान और मानवता। राहुल गांधी ने कहा कि आज की राजनीति में मोहब्बत सम्मान और मानवता की कमी दिखाई दे रही है।
राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा में देश की आम जनता से मिलकर शायद यही तीन मंत्र प्राप्त किए थे, और इन तीनों मंत्रों को अब राहुल गांधी विश्व पटल पर भी रख कर राजनेताओं को संदेश दे रहे हैं कि विश्व का भला मोहब्बत सम्मान और मानवता से ही हो सकता है।
राहुल गांधी का संवाद और भाषण भारत जोड़ो यात्रा के संवाद और भाषणों की तरह नजर आया। राहुल गांधी एक नेता नहीं बल्कि एक विचारक हैं, जो नेकी और इंसानियत का जनता को पाठ पढ़ा रहे हैं, और बता रहे हैं कि विश्व का भला मोहम्बत, सम्मान और मानवता से हो सकता है।
राहुल गांधी के संवाद में, प्रेम सम्मान और मानवता की झलक उसे समय दिखाई दी जब राहुल गांधी टैक्सास यूनिवर्सिटी के प्रवासी छात्र-छात्राओं से संवाद कर रहे थे। तब राहुल गांधी ने कहा कि भारत में टैलेंट और स्किल की कोई कमी नहीं है मगर रोजगार की कमी है। चीन में रोजगार अधिक हैं। राहुल गांधी के इस बयान को भारत में तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाएगा लेकिन राहुल गांधी ने सच्चाई को स्वीकार करते हुए हकीकत बयान की है, और संदेश दिया है प्यार सम्मान और मानवता का, और बताया है कि हमें सभी का सम्मान करना चाहिए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)