सनातन धर्म पर बयान से उबाल, उदयनिधि अपने बयान पर कायम

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-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(तमिलनाडु के स्वतंत्र पत्रकार)

चेन्नई। तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनीधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को नष्ट करने संबंधी बयान के बाद पूरे देश में सनातन धर्म में आस्था रखने वालों ने डीएमके नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहां इस बयान को निंदा की जा रही है वहीं दिल्ली में हिंदू संगठन ने उदयनिधि स्टालिन पर मुकदमा भी दर्ज करा दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन केुपुत्र उदयनिधि के बयान पर कल गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पलटवार किया और राजस्थान के डूंगरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह अचानक बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा संभवतः मुंबई में तथा कथित इंडिया अलायंस में इस बात की चर्चा की गई थी उसके बाद उदयनिधि स्टालिन से इस तरह का बयान दिलवाया गया है ताकि देश में सनातन धर्म के खिलाफ माहौल बनाया जा सके और गैर सनातन धर्मियों को पोलराइज किया जा सके।
वहीं डीएमके नेता और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम हैं। उनका कहना है कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। सनातन धर्म विभाजनकारी है और वह जाति के आधार पर वर्गों को बांटती है। जिससे सामाजिक न्याय व्यवस्था बिगड़ती है। जिसे खत्म किया जाना चाहिए। अब सवाल उठता है की क्या उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म के बारे में यह जानकारी कहां से मिल रही है कि सनातन धर्म देश को बांट रहा है? जबकि सनातन धर्म सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखता है। वसुदैव कुटुंबकम इसका मूल मंत्र है। तमिलनाडु के संस्कृति में सनातन धर्म का अहम स्थान है। तमिलनाडु को आप मंदिरों का राज्य भी कह सकते हैं। हो सकता है सनातन धर्म के नाम पर अंधविश्वास और रूढ़िवादिता छुआछूत की भावनाएं कहीं न कहीं प्रकट होते हो लेकिन उस आधार पर सनातन धर्म को खत्म करने की बातें कहना चिंताजनक और अलग-अलग धर्म के बीच वैमनसयता फैल सकती है। बहरहाल खेल मंत्री उदय निधि स्टालिन के बयान से तमिलनाडु सरकार को कोई खास फर्क नहीं पड़ा लेकिन इस तरह के बयान आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और मिजोरम में चुनाव होना है ऐसे में सनातन धर्म के खिलाफ इंडिया गठबंधन के नेताओं का बयान सनातन धर्मियों को भी पोलराइज कर सकता है।
गौरतलब है की उदय निधि स्टालिन के सनातन धर्म के खिलाफ बयान के बाद कांग्रेस, ,आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल समेत अधिकांश राजनीतिक दल जो इंडिया अलायंस के घटक हैं ने इस बयान से खुद को अलग किया है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान से सहमत नहीं है। वहीं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पार्टी से अलग थलग चल रहे रहे प्रमोद कृष्णन ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने कहा हिंदुस्तान से सनातन धर्म को खत्म करने के सपने देखने वाले खुद खत्म हो जाएंगे लेकिन सनातन धर्म रहेगा। जब इस धर्म को मुगल और अंग्रेज खत्म नहीं कर पाए तो कोई राजनीतिक दल भला इसे क्या खत्म करेंगे? वही ं तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने डीएमके पर हमला करते हुए कहा, उन्हें क्या पता कि सनातन धर्म क्या है। एमके स्टालिन और उनका परिवार हिंदू से ईसाई धर्म मैं कन्वर्ट हुआ है इसलिए उन्हें सनातन परंपरा, धर्म के प्रति विशेष जानकारी नहीं है। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए वह सनातन धर्म पर हमले कर रहे हैं। ताकि समाज में वैमनसयता बनी रहे। एमके स्टालिन परिवार का एक ही मूल मंत्र है तमिलनाडु के जीडीपी से अधिक धन उपार्जन करना चाहे वह जैसे भी हासिल हो सके। आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त परिवार अपनी नाकामी और बेईमानी को छुपाने के लिए सनातन धर्म पर सवाल उठा रहा है। इसकां जनता जवाब जरूर देंगी ।
यहां इस बात का उल्लेख करना बहुत ही जरूरी है की पिछले महीने उदयनिधि स्टालिन की मां दुर्गा स्टालिन ने केरल के एक मंदिर में 14 लाख का सोने का मुकुट दान दी हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि सनातन धर्म इतने बुरे हैं तो उनकी मां और पिताजी चुनाव से पहले मंदिरों के चक्कर क्यों लगाते थे?

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