
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद का फिडे विश्व कप जीतने का सपना चूर हो गया। दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन ने उन्हें सफल नहीं होने दिया। कार्लसन ने प्रज्ञानानंद को टाईब्रेक में 1.5-0.5 से हराया। नार्वे के दिग्गज ने दूसरा टाईब्रेक अपने खेल कौशल से 22 चालों में ड्रा कराया। उन्होंने पहला गेम जीत लिया था इसलिए दूसरे गेम में सुरक्षित रहना ही बेहतर समझा।
प्रज्ञानानंद ने बाकू में आयोजित चौंपियनशिप के दौरान अपना 18 वां जन्मदिन मनाया था। उनके लिए यह चैम्पियनशिप सनसनीखेज रही। उन्होंने वर्ल्ड नंबर 2 हिकारू नाकामुरा और फिर वर्ल्ड नंबर 3 फैबियानो कारूआना को हराया था।
फ़ाइनल में किस्मत का साथ न मिलने से पहले, उन्होंने कुछ बेहतरीन टाई-ब्रेक खेले। संभवतः थकावट के कारण वह फाइनल में कार्लसन के सामने अपना बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सके।
शतरंज का यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी पहले दुनिया का दूसरा सबसे कम उम्र का ग्रैंडमास्टर और उससे पहले 10 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गया था।