
-पीएम मोदी कल जाएंगे इंडोनेशिया
-द ओपिनियन-
दुनिया में इन दिनों राजनयिक गहमागहमी जारी है। ब्रिक्स सम्मेलन के बाद अब 6 व 7 सितंबर को आसियान देशों यानी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ की शिखर बैठक होगी। इसके बाद जी -20 देशों की बैठक भारत में है। अगले महीने संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक होगी। जहां विश्वभर के नेता जुटेंगे। जी-20 व आसियान देशों की बैठक बहुत ही अहम हैं। भारत के लिए ये दोनों ही बैठकें महत्वपूर्ण हैं। भारत के आसियान देशों के साथ बहुत गहरे दोस्ताना संबंध है और उसके आर्थिक व कूटनीतिक हित इन देशों के सथ जुड़े हैं। इस बैठक के महत्व का अंदाज हम इस बात से लगा सकते हैं कि वे जी -20 की तैयारियों के बीच इंडोनेशिया जाएंगे और बैठक में शामिल होंगे। पीएम मोदी वहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन एवं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। ऐसे में शिखर सम्मेलन भारत-आसियान देशों के संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने का मौका होगा और साथ ही सहयोग की भविष्य की दिशा भी तय हो सकेगी। भारत के लिए यह अवसर आसियान देशों के साथ व्यापार व सामरिक रिश्तों को मजबूत करने का भी मौका होगा। चीन की हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता के बीच भारत को इन आसियान देशों के साथ मजबूत रिश्तों की बहुत जरूरत है। चीन ने हाल में अपना नया नक्शा जारी किया था जिसमें उसने भारत के अरुणाचल प्रदेश व अक्साई चिन क्षेत्र को अपना हिस्सा दिखाया। ऐसे ही विवाद उसके कई आसियान देशों के साथ हैं। वह दक्षिण चीन सागर में जिन हिस्सों को अपने होने का दावा करता हैं, उस पर फिलीपींस, वियतनाम व अन्य पड़ोसी देश भी अपने होने का दावा करते हैं। इसलिए भी भारत आसियान देशों के साथ करीबी रिश्ता चाहता है। भारत ने हाल ही वियतनाम को एक युद्धपोत भेंट किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर जकार्ता की यात्रा कर रहे हैं। वह बुधवार को जकार्ता जाएंगे। पहले इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आने की भी संभावना थी। लेकिन वह जी -20 और आसियान शिखर बैठक दोनों में ही शामिल नहीं हो रहे हैं। चीन का नेतृत्व वहां के प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे। यदि शी वहां जाते तो पीएम मोदी और उनका एक बार फिर आमना सामना होता और यदि वह भारत आते तो एक और मुलाकात का अवसर होता लेकिन शी ने दोनों ही बैठकों से किनारा कर लिया है। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन आसियान देशों के नेताओं और भारत सहित समूह के आठ भागीदारों के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अवसर होगा।
पिछले साल भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने कंबोडिया में भारत-आसियान शिखर बैठक और अन्य संबंधित शिखर बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ये शिखर बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई क्योंकि इन देशों के साथ भारत के सहयोग को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ा दिया है।
ये देश शामिल हैं आसियान में
इंडोनेशिया आसियान का वर्तमान अध्यक्ष है। इस समूह में दस सदस्य देश हैं- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम। भारत अभी इस समूह का सदस्य नहीं है।