
-विष्णु देव मंडल-
(स्वतंत्र पत्रकार, चेन्नई)
देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए और ईडी के छापेमारी के बाद तमिलनाडु और केरल में पीएफआई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के कार्यालयों को जमकर निशाना बनाया है। सरकारी संपत्तियों को भी क्षति पहुंचाई है। तमिलनाडु के कोयंबतूर में भाजपा कार्यालयों पर पेट्रोल बम फेंके गए हैं, वही चेन्नई के चितलापाककम में आरएसएस कार्यकर्ता सीतारामन् के घर पर भी पेट्रोल बम से हमला किया गया है। केरल में 50 से भी अधिक सरकारी बसों को पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने क्षति पहुंचाया है। एंबुलेंस समेत कई निजी बसों एवं दुकानों पर भी पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने हमले किये।

बहरहाल तमिल नाडु और केरल पुलिस अलर्ट पर है किसी तरह से स्थिति से निबटने के लिए पुलिस मुस्तैद है। पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्य सचिव ने राज्य के 17 जिलों के जिला अधिकारियों समेत आरक्षी अधीक्षकों के साथ वर्चुअल मीटिंग की है। राज्य की कानून व्यवस्था की नाजुक स्थिति के मद्देनजर मुख्य सचिव ईरैअनबू ने बैठक में सभी कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। कोयंबतूर में बडी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। चेन्नई स्थित भाजपा कार्यालय की भी सुरक्षा बढा दी गई है। पुलिस ने शहर में प्रवेश करने वाले सभी 11 चौकियों के अलावा 28 अतिरिक्त स्थानों पर वाहनों की जांच के लिए पुलिस लगा दी है। सोशल मीडिया साइट पर भी पुलिस का निगरानी है जो कहीं किसी तरह का अफवाह ना फैलें और किसी तरह की अप्रिय घटना ना घटे।
तमिलनाडु के राज्यपाल का कहना है
पीएफआई द्वारा की जा रही हिंसा के बारे में तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवी ने संवाददाताओं को बताया की पीएफआई एक खतरनाक संगठन है,जो पूरे देश में सक्रिय हैं, ये संगठन अब बहुत बड़ा रूप ले रखा है जो देश के शांति और सौहार्द के लिए खतरा बना हुआ है। एजेंसियों के कारवाई से बौखला गए पीएफआई तमिलनाडु और केरल में कोई बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं इसलिए सरकार और पुलिस को सावधान होने की जरूरत है।
इनके अलावा आमजन भी पीएफआई द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी के प्रति चिंता व्यक्त की है।
बवाल तो होना ही था
पीएफआई के ठिकानो में छापा पड़ना और कुछ नाम मात्र की हुई गिरफ़्तारियाँ और उस पर बवाल तो होना ही था। केरल, तमिलनाडु या देश किसी भी कोने हुई हिंसा पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए तथा इस घटना को अंजाम देने वालों की पहचान कर उन्हें दंडित करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द ऐसी घटनाओं पे रोक सुनिस्चित करे।
पंकज झा,ट्रांसपोर्टर कोलातूर निवासी,
विदेशी फंडिंग पर संसद में बहस होना चाहिए
पीएफआई ने दक्षिण के केरला से शुरू होकर भारत के डेढ़ दर्जन राज्यों में अपना ठिकाना बना रखा है। यह संगठन देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। विदेशी फंडिंग पर संसद में बहस होना चाहिए।
विशाल ठाकर, साहित्यकार, माधवरम .
संस्था को बंद किया जाना चाहिए
शनिवार को उत्तर प्रदेश एटीएस ने 6 पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। एटीएस का कहना है कि यह सभी लोग देश में धार्मिक उन्माद फैलाने के प्रयास में थे ताकि देश का माहौल खराब हो। इसीलिए ऐसी संस्था को बंद किया जाना चाहिए।
एमके गुप्ता, कावाकरै, चेन्नई
सरकार स्थिति स्पष्ट करे
पीएफआई के बारे में सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। विपक्षी दलों को भी विश्वास में लेकर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
सत्य प्रकाश दुबे, छात्र, शर्मा नगर