
चंद्रप्रकाश पत्रकार
कोटा। श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए भीतरिया कुंड में दीपक जलाने लोग उमड़े। रविवार को वाहनों की रेलमपेल मची रही। इससे रावतभाटा रोड पर भीतरिया कुंड से कोटा डेयरी तक जाम लग गया।
आश्विन माह में पड़ने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या और महालय अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस दिन पितरों के पिंडदान, तर्पण और दान आदि का आखिरी दिन होता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है, जिसके बाद पितृ पक्ष का समापन हो जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों को विदाई देने, विशेष पूजा-पाठ और नियमों का पालन करने से पितर प्रसन्न होकर अपने लोक को जाते हैं और वंशजों को खूब आशीर्वाद देकर जाते हैं।