-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। कोटा शहर में पिछले 4 सालों में आधारभूत एवं पर्यटन महत्व के विकास कार्यों का मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के साथ शुक्रवार को अवलोकन कर इन्हें कोटा को अन्तर्राट्रीय स्तर पर पहचान बढाने वाले बताया। उन्होंने कहा कोटा अब अन्तर्राट्रीय मापण्डों के अनुसार सुन्दर शहर हो गया है, आवश्यकता दुनिया के सामने इनके प्रचार प्रसार की है।
पूर्व मुख्यमंत्री सबसे पहले चंबल रिवर फ्रंट देखने पहुंचे जहां प्रवेश द्वार के समीप फार्टवॉल के समीप नवनिर्मित बावड़ी का का अवलोकन किया जिसमें राजस्थानी स्थापत्य शैली को देखकर अद्भुत निर्माण बताया। उन्होंने चंबल रिवर फ्रंट पर विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर इसे देश दुनिया का बेहतरीन कार्य बताते हुए कहा कि साबरमती के रिवरफ्रंट से भी अच्छा कार्य यहां पर्यटक देख सकेंगे। उन्होंने रिवर फ्रंट के प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कांफ्रेंस आयोजित कर पर्यटकों के लिए जानकारी पहुंचाने की सलाह दी।
श्री सिंह ने परम्परा एवं आधुनिकता का बेजोड़ संगम ऑक्सीजोन पार्क का अवलोकन किया तो हरियाली एवं आधुनिक सुविधाओं का नजारा देखकर कोटा कोचिंग के लिए आने वाले विद्यार्थियों के लिए अद्भुत कार्य बताया। उन्होंने पार्क में विकसित किए गए विश्व स्तरीय संसाधनों को बारीकी से देखा, प्राकृतिक माहौल के बीच पार्क में विकसित किए गए तालाब के पास बैठ कर प्रकृति के बेहतरीन नजारों का लुफ्त उठाया और कहा कि कोटा में विकसित किए जा रहे पर्यटन विकास के कार्य अकल्पनीय हैं येे देश दुनिया के पर्यटकों के लिए यादगार बनेंगे। विश्व मानचित्र के पटल पर पर्यटन के क्षेत्र में कोटा की नई पहचान बनाएगें।
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने सभी विकास कार्यों में राज्य के साथ ही अधिकतर बजट स्थानीय स्तर पर नगर विकास न्यास के स्तर पर करने की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री को देने पर उन्होंने विकास कार्यों मे स्वायत्त शासन मंत्री की पहल पर नगर विकास द्वारा किए गए वित्तीय प्रबंधन की भी सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों में राशि उपलब्ध नहीं होने के बावजूद वित्तीय प्रबंधन कर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाना सराहनीय है।
इसके बाद पूर्व सीएम पशुपालकों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली देवनारायण आवासीय योजना का जायजा लेने पहुंचे जहां एक ही स्थान पर पशुपालकों के लिए शहर की तर्ज पर विकसित किये गए संसाधनों को देख खासे प्रभावित हुए। उन्होंने पशुपालकों के आवास का भी अवलोकन किया, पशुपलाकों से रूबरू होकर उनकी जीवन शैली के बारे में जानकारी ली योजना के तहत पशु पालकों की गोबर से होने वाली आमदनी के बारे में भी पशुपालकों से जानकारी ली। उन्होंने योजना को अन्य प्रदेशें के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं देश के शहरों में विकसित की जानी चाहिए ताकि शहरी क्षेत्र में मवेशियों की समस्या से भी छुटकारा मिल सके और पशुपालकों के जीवन स्तर में भी आमूलचूल परिवर्तन हो सके।
उन्होंने कोटा में विकसित किए गए आकर्षक चौराहे नयापुरा, घोड़े वाले बाबा, एरोड्रम अंडरपास सहित सुगम आवागमन के लिए विकसित किए गए फ्लाईआवरों को भी देखा और स्वायत्त शासन मंत्री के विकास के विजन की खुले दिल से सराहना की।