dead cow
लंपी रोग से पीड़ित मृत गाय की बछिया

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।राजस्थान के कोटा में पूरे प्रदेश में फैले संक्रामक रोग लंपी से एक बछड़ी की आज तड़के मौत का पहला मामला सामने आया है। कोटा के श्याम नगर इलाके की यह वही पहली बछड़ी है जिसमें पिछले सप्ताह कोटा में सबसे पहले लंपी रोग के लक्षण देखे गए थे। उसके बाद से ही कोटा और आसपास के इलाकों के गांव में यह रोग फ़ैला जिनमें रावतभाटा रोड स्थित पशुपालकों के बाहुल्य वाला बोराबास गांव भी शामिल है

कृष्ण बलदेव हाडा

जहां अब तक दो दर्जन से भी अधिक गाये लंपी से संक्रमित पाई जा चुकी हैं जिनका इलाज किया जा रहा है लेकिन कोटा जिले में लंपी से संक्रमण के बाद मौत का पहला मामला आज सुबह कोटा शहर के श्याम नगर में सामने आया।

कोटा नगर निगम (दक्षिण) के आयुक्त राजपाल सिंह ने की पुष्टि

कोटा नगर निगम (दक्षिण) के वार्ड संख्या पांच के सघन आबादी क्षेत्र श्याम नगर में रहने वाले दुर्गाशंकर गौत्तम की पाली हुई गाय के मादा बछड़े में पिछले सप्ताह सबसे पहले लंपी रोग के लक्षण पाए जाने के बाद उसका इलाज शुरु किया गया था लेकिन आज सुबह उसने दम तोड़ दिया। इस बारे में कोटा नगर निगम (दक्षिण) के आयुक्त राजपाल सिंह ने बताया कि एक मादा बछड़े की मौत का मामला आज सामने आया है। इस मवेशी को गड़वाया जाएगा ताकि अन्य मवेशियों में संक्रमण नही फ़ैले। श्री राजपाल सिंह के अनुसार लंपी रोग से निपटने के लिए नगर निगम स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बंधा-धर्मपुरा और किशोरपुरा की दोनों बड़ी गौशालाओं का समयबद्ध सैनिटाइजेशन करवाया जा रहा है। लंपी से संक्रमण के बाद बीमार गायों को किशोरपुरा में मुख्य गौशाला से अलग हटकर चारदीवारी वाले सुरक्षित स्थान पर रखा जा रहा है ताकि उनसे गौशाला के अन्य मवेशी प्रभावित नहीं हो। फिर भी हर तरह की आशंकाओं के निवारण के लिए कोटा में चंबल गार्डन के मैरिज हॉल के पास खाली पड़े स्थान पर साफ-सफाई करवा कर अगले एक-दो दिन में सभी संक्रमित गायों को वहां रखे जाने की व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

गौशाला में सभी मवेशियों को गॉट पॉक्स के टीके लगवा दिये

श्री राजपाल सिंह ने बताया कि दोनों गौशाला में रखे गए सभी मवेशियों को गॉट पॉक्स के टीके लगवा दिये गए हैं। दोनों ही स्थानों पर अधिक से अधिक संख्या में मवेशियों की हवा के लिए पंखे लगवाए जा रहे हैं ताकि मक्खी-मच्छरों की वजह से उन्हें कोई परेशानी नहीं हो। साथ ही लोग भी गौ-सेवा के लिए आगे आकर उनके लिये पंखे भेंट कर रहे हैं। कल ही एक सामाजिक कार्यकर्ता हिम्मत सिंह हाडा ने गोशाला समिति के लिए पंखे भेंट किए थे।

संक्रमित गायों को उम्मेदगंज गौशाला में रखा जाए

कोटा नगर निगम (दक्षिण) के वार्ड संख्या पांच जहां के श्याम नगर में कोटा में लंपी रोग के संक्रमण से मौत का पहला मामला सामने आया है, वहां से कांग्रेस के पार्षद और गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने बताया कि कोटा नगर निगम (उत्तर) की उम्मेदगंज में अलग से गौशाला बनकर तैयार पड़ी हुई है जिसका अभी उपयोग प्रारंभ नहीं हो पाया है।

पार्षद जितेन्द्र सिंह

श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश है कि लंपी से संक्रमित गायों को किशोरपुरा और बंदा-धर्मपुरा की गौशालाओं की जगह उम्मेदगंज गौशाला में रखा जाए ताकि उस खाली पड़े पड़ी गौशाला का भी उपयोग प्रारंभ हो जाए, साथ ही लंपी संक्रमित गायों की वजह से किशोरपुरा गौशाला के अन्य मवेशियों को संक्रमण नहीं हो जहां कि अभी बीमार गायों को रखा जा रहा है।

जहां बछिया की मौत हुई वह सघन इलाका

श्री जितेंद्र सिंह ने कोटा जिले में खासतौर से पशुपालकों के बाहुल्य वाले गांव में संक्रामक रोग लंपी के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि उनके वार्ड में लंपी से मौत हुई है, वह सघन आबादी वाला इलाका है और वह अन्य पालतू गाय भी है इसलिए वहां टीकाकरण-सेनिटाइजेशन करवाए जाने की महत्ती आवश्यकता है। हालांकि दुर्गा शंकर गौत्तम की जिस बछड़ी की लंपी से मौत हुई है, उसकी जननी गाय में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं मिले है लेकिन सावचेती के लिये कोटा के अन्य मवेशियों का टीकाकरण जरूरी है। खासतौर से सड़कों पर छोड़े गए लावारिस मवेशियों का प्राथमिकता से टीकाकरण करवाया जाना चाहिए क्योंकि वे इस रोग से सबसे बड़े संवाहक साबित हो सकते हैं।

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सावन कुमार टाक
सावन कुमार टाक
2 years ago

लंपी को लेकर पशुपालन विभाग केवल बातों तक ही सीमित है यह तो पहली मौत हे रोग से ग्रसित तो सेंकड़ों gowansh होंगे। जो टीका लगाया जा रहा है उसके बाद क्या स्थिति पशु की रहती है जहां गोशालाऔं में सेंकड़ों हजारों की संख्या में gowansh है वहाँ क्या व्यवस्थाए की जा रही है।
जहाँ तक पंखों की बात है तो bhamashah ko बधाई लेकिन यह नगर निगम की अव्यवस्था को भी दर्शाता है कि निगम प्रशासन की ओर से इस रोग के बाद भी कोई gowansh को बचाने के लिये कोई कारगर प्रयास नहीं किए जा रहे।