खड़गे के राजनीतिक प्रहारों से भाजपा के रणनीतिकार परेशान!

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मल्लिकार्जुन खडगे मुंबई में सभा को संबोधित करते हुए। फोटो सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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-देवेंद्र यादव-

हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को मिली सरप्राइज हार के बाद, राजनीतिक पंडितों और विश्लेषकों को लग रहा था कि कांग्रेस महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में नर्वस होकर प्रचार करेंगी। इसका कारण हरियाणा में कांग्रेस ने जीती हुई बाजी को हारा था इसलिए कांग्रेस के नेता, हरियाणा की हार के सदमे से उबर नहीं पाएंगे, और महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस प्रचार में कमजोर दिखाई देगी। मगर ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि कांग्रेस और उसके नेता महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में हरियाणा चुनाव से भी अधिक सक्रिय और मजबूत प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा चुनाव से भी अधिक महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में सक्रिय नजर आए।
खड़गे और राहुल दोनों नेता महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन और सीटों के बंटवारे में हरियाणा से अधिक सक्रिय नजर आए और अब प्रचार में भी दोनों नेता सक्रिय नजर आ रहे हैं।
दोनों नेताओं के बीच मैं तालमेल इतना बेहतर है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और चुनावी रणनीतिकारों के समझ में नहीं आ रहा है कि वह प्रचार के समय राहुल गांधी को घेरे या फिर मल्लिकार्जुन खड़गे को। दोनों नेताओं के हाथों में संविधान की किताब है और दोनों के हाथों मे संविधान की किताब होने का डर भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को सता रहा है। इसकी झलक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन बयानों से झलकती है जिसमें उन्होंने लाल रंग को नक्सली बताया और राहुल और खड़गे के हाथों में जो लाल रंग की संविधान की किताब है उसे कोरा कागज बताया।
भारतीय जनता पार्टी के चुनावी रणनीतिकार राहुल गांधी को लेकर नहीं बल्कि मल्लिकार्जुन खड़गे के राजनीतिक प्रहारों से कहीं अधिक परेशान नजर आ रहे हैं, क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व के मुद्दे पर जबर्दस्त प्रहार कर रहे हैं। रविवार के दिन 10 नवंबर को महाराष्ट्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे पर प्रहार किया। उन्होंने भाजपा के नेताओं पर जबरदस्त कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के नेता चुनाव के समय गेरुआ वस्त्र धारण कर लेते हैं इन नेताओं को या तो गेरुआ वस्त्र ही पहनकर सेवा करनी चाहिए या फिर सफेद वस्त्र पहनकर सेवा करनी चाहिए।
गेरुआ वस्त्र वाले संत कभी भी बटोगे तो कटोगे वाली बात नहीं करते हैं। वह तो सर्व धर्म समभाव की बात करते हैं, मगर भाजपा के गेरुआ धारी बटोगे तो कटोगे की बात कर रहे हैं।
जब से अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय बने हैं, उन्होंने नरेंद्र मोदी के द्वारा देश की जनता को प्रभावित करने वाले उनके लच्छेदार भाषणों को जनता के बीच यह कहकर प्रभावहीन कर दिया कि नरेंद्र मोदी के भाषण केवल झूठ का पुलिंदा है।
इसकी मिसाल खड़गे ने 10 नवंबर रविवार के दिन महाराष्ट्र में नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की एक तस्वीर दिखा कर दी और कहा कि जिस संविधान की किताब को मोदी कोरा कागज बता रहे थे वही किताब मोदी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों में सौंप रहे हैं।
बड़ी बात यह है कि मल्लिकार्जुन खरगे भाजपा के नेताओं द्वारा कांग्रेस पर किए जाने वाले कटाक्षों पर तुरंत काउंटर में तथ्यात्मक प्रहार करते हैं। वह साबित करते हैं कि भाजपा के नेता झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह करते हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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