गुजरात में प्रथम चरण का मतदान एक दिसंबर को, राजनीतिक दलों ने लगाया पूरा दमखम

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अहमदाबाद। गुजरात में 1 दिसंबर को पहले दौर के मतदान का समय नजदीक आने के साथ राजनीतिक गतिविधियां बहुत तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित शीर्ष नेता अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए जोर लगाने में व्यस्त रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सौराष्ट्र के जामनगर और पलिताना में रैलियां कीं और सूरत के कारोबारियों और हीरा फैक्ट्री मालिकों के साथ बैठकें कीं। इस बैठक का महत्व इसलिए था क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा को चुनौती देते हुए सूरत शहर की कुछ पाटीदार बहुल सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रखा है। सूरत भाजपा का गढ माना जाता है लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में आप ने उसे कडी चुनौती दी है। इस वजह से भाजपा इस शहर में आप को आसान नहीं आंक रही है।
प्रचार का आलम यह है कि हर गुजरते दिन के साथ राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है। सोमवार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक-दूसरे पर कटाक्ष किए, जबकि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दोनों पर निशाना साधा। पीएम ने भावनगर, जामनगर और राजकोट के पलिताना में चुनावी रैलियों को भी संबोधित किया। इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेता वार्ड दर वार्ड घूम रहे हैं, भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इसके पीछे का कारण डर होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सूरत के पिछले महानगरपालिका चुनावों में आप मजबूती से उभरी है। आप का मानना है कि परिवर्तन की एक स्थिर हवा है। पार्टी समर्थकों का मानना है कि राज्य में निश्चित रूप से आप एक वैकल्पिक मजबूत विपक्ष के रुप में उभरेगी। सूरत के महानगर निगम चुनाव में आप ने 120 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया। इसके साथ ही आप को एकमात्र विकल्प के रूप में देखा जाने लगा जो गुजरात में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभा सकता है।

सूरत के एक स्थानीय निवासी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जिस तरह से विश्व मंच पर भारत का नेतृत्व कर रहे हैं उस वजह से उनके लिए बहुत सम्मान है, लेकिन एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के हित में एक मजबूत रचनात्मक विपक्ष जरुरी है। इसके साथ राज्य में एक स्थिर सरकार का होना महत्वपूर्ण है। एक एजेंसी के संचालक ने कहा कि गुजरात आप को एक सक्षम विपक्ष के रुप में देखता है। यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व को कम से कम हाल के दिनों में सुधारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता का एहसास हुआ। एक अन्य युवा उद्यमी का कहना है कि सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस की अक्षमता और खराब प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार लोगों को हल्के में ले रही थी। लेकिन आप की चुनौती को देखते हुए अब भाजपा चुनाव और लोगों की जरूरतों को गंभीरता से ले रही है। जानकारों का मानना है कि भाजपा नरेन्द्र मोदी की सद्भावना और लोकप्रियता पर बुरी तरह निर्भर है। प्रधानमंत्री और अन्य राष्ट्रीय नेताओं के कई दौरों से यह स्पष्ट है कि इस बार चुनौती ज्यादा है।

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