गृह रक्षा दल के जवानों को नियमितिकरण करें सरकार-संदीप शर्मा

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।  विधायक संदीप शर्मा ने आज राजस्थान विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से राजस्थान गृह रक्षा दल के जवानों को नियमित करने का मामला उठाया व प्रदेश के गृह रक्षा दल के जवानों को नियमित करने और इनकी आयु 60 वर्ष करने की मांग की।

होमगार्ड जवानों को नियमित करने का विचार नहीं
विधायक संदीप शर्मा ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से इन्हे नियमित करने की मांग की। इस पर मंत्री ने सदन को बताया कि गृह रक्षा विभाग होमगार्ड जवानों को नियमित करने का विचार नहीं रखता है, क्योकि राजस्थान होमगार्डस अधिनियम 1963 एवं राजस्थान होमगार्डस नियम 1962 के अनुसार यह एक स्वयं सेवी संगठन है। स्वयं सेवकों को नियमित रूप से रोजगार दिये जाने का प्रावधान नहीं है। गृह रक्षा विभाग होमगार्डस स्वयं सेवकों की सेवाकाल में आयु सीमा पुलिस की भांति 60 वर्ष करने का विचार नही रखता है। वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव लम्बित नहीं है। अधिसूचना दिनांक 1.6.2021 द्वारा स्वयं सेवकों की अधिकतम आयु सीमा 55 से बढाकर 58 वर्ष निर्धारित की गई है। गृह रक्षा विभाग राज्य मानवाधिकार आयोग की अनुशंषा अनुसार होमगार्ड जवानों के लिए सेवा नियम बनाने हेतु अधिनियम की धारा 162-163 में संशोधन का विचार नही रखता है। यह एक स्वयं सेवी संगठन होने के कारण स्थायी सेवा नहीं है। सेवा स्थायी नहीं होने के कारण सेवा नियम बनाने के लिये कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किये गये है। गृह रक्षा विभाग द्वारा होमगार्ड जवानों की सेवामुक्ति पर उनके कल्याण हेतु विभागीय कल्याण कोष से एकमुश्त राशि दिये जाने का वर्तमान में निम्नानुसार प्रावधान किया गया है । गृह रक्षा स्वयं सेवक की 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद गृह रक्षा की सदस्यता से पृथक होने पर अधिकतम राशि दो लाख रुपये तक दिये जाने का प्रावधान है।

एक लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान
स्वयं सेवक द्वारा, स्वेच्छा से 20 वर्ष की सेवाअवधि पूर्ण कर गृह रक्षा की सदस्यता से पृथक होने पर , अधिकतम राशि एक लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। उपरोक्त के अतिरिक्त विभागीय कल्याण कोष से एकमुश्त राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। गृह रक्षा स्वयं सेवक की नियोजन (ऑन ड्यूटी) अवधि के दौरान मृत्यु होने पर मनोनीत आश्रित को अधिकतम राशि तीन लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान है। ऑनरोल स्वयं सेवक जिनका गृह रक्षा विभाग द्वारा नियोजन नहीं किया गया हो (ऑफ ड्यूटी) की मृत्यु होने पर उनके आश्रित को अधिकतम राशि दो लाख पचास हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान है। वित्त ( रूल्स) विभाग के आदेश अनुसार राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 75 व 76 के अन्तर्गत स्वयं सेवक की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर एक्सग्रेसिया अधिकतम राशि बीस लाख रूपये तक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। होमगार्डस स्वयं सेवकों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है, इसके स्थान पर होमगार्डस स्वयं सेवक की मृत्यु होने पर उनके आश्रित को अनुकम्पात्मक नामांकन विभागीय परिपत्र क्रमांक 1713.54 दिनांक 28.01.2019 द्वारा गृह रक्षा स्वयं सेवक के रूप में नामांकित किये जाने का प्रावधान किया गया है।

भ्रमित करने का प्रयास किया
इस पर विधायक संदीप शर्मा ने सदन में कहा कि राजस्थान होम गोर्डस अधिनियम 1963 एवं राजस्थान होम गार्डस 1962 के अनुसार इसे एक स्वयं सेवी संगठन माना गया है परन्तु वर्तमान परिस्थितियो में होम गार्डस की बढती कार्य व्यवस्थाओं और आर्थिक जरूरतों व उनके भविष्य के प्रति सकारात्मक नजरिया रखतें हुए सरकार पूर्व के अधिनियम में संशोधन करने का विचार  तथा उनकी कार्यावधि 60 वर्ष व नियमित करने की मांग की। विधायक ने बताया कि होम गार्ड के जवानों ने कोरोना काल में अपनी जान जाखिम में डाल कर पुलिस के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर सेवायें दी और शहर की आपातकालिन परिस्थिति में भी गृह रक्षा दल के जवान अडिग हो कर अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी के साथ कर रहे है । सरकार के मंत्री द्वारा कोई संतोषप्रद जवाब नही देकर भ्रमित करने का प्रयास किया गया ।  विधायक संदीप शर्मा ने आपत्ति प्रकट की उनके समर्थन में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खडें हो गये और विधानसभा अध्यक्ष से बात की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की इस संबध में जांच कर कार्यवाही की जायेगी। मंत्री द्वारा एक ही प्रश्न के अलग जवाब प्रस्तुत किये गयें और विधायक द्वारा पूछें गये प्रश्न का भी जवाब मंत्री नही दे पायें। इससे स्पष्ट है कि सरकार इन जाबाज गृह रक्षा दल के प्रति चिंतित नही है।

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