
– धनुष और तीर चिन्ह आवंटित
नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला दिया है। आयोग ने कहा है कि शिंदे गुट के पास पार्टी का नाम शिवसेना तथा प्रतीक चिन्ह धनुष और तीर आवंटित रहेगा। सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया तो वहीं संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
जब शिंदे हाई.वोल्टेज विद्रोह में 40 विधायकों के साथ महा विकास अघाड़ी सरकार से बाहर हो गए थे। और उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। तब से उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट जून 2022 से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर लड़ाई में उलझे हुए हैं।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। ऐसे में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि शिवसेना का पार्टी का नाम, धनुष और तीर चिह्न एकनाथ शिंदे गुट के पास बरकरार रहेगा।
इसी बीच चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें और नियमित रूप से अपनी वेबसाइटों पर पार्टी के आंतरिक कामकाज से जुड़े पहलुओं का खुलासा करें।
उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद बाला साहेब ठाकरे का ऑडियो शेयर किया। जिसमें वह कह रहे हैं कि पैसा गया तो फिर कमा लिया जाएगा। लेकिन नाम गया तो कभी वापस नहीं आएगा। मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने ऑडियो ट्वीट किया और लिखा, बालासाहेब द्वारा दिया गया विचार कितना सही था।