जनता-प्रशासन हादसों से नही ले रहे सीख,गेपरानाथ घाटी में प्रवेश पर रोक

-जल स्त्रोतों के पास बेवजह न जाने की अपील की अनदेखी पड़ रही भारी

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गेपरानाथ घाटी

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। कोटा-रावतभाटा रोड पर स्थित धार्मिक-प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता रखने वाले गेपरानाथ के कुंड में दो कोचिंग छात्रों के डूबने की घटना से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि पिछले सप्ताह ही कोटा जिले के नहरी क्षैत्र में एक ही दिन में चार लोगों के डूबने की घटनाअों से न तो स्थानीय प्रशासन ने सबक लिया है न ही लोगों ने प्राकृतिक-नहरी जलस्त्रोतों के न पास जाने और उनका बेजा इस्तेमाल न करने के प्रशासन के आग्रह को तवज्जो दी है। अब जिला मजिस्ट्रेट ने फ़िलहाल गेपरानाथ घाटी में आम जन के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह ही 13 नवम्बर को कोटा जिले में दीगोद और सुल्तानपुर में दांई मुखी नहर में तीन बालिकाओं सहित चार किशोरों के डूबने की घटनाएं हो चुकी है और उसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने स्थानीय प्रशासन विशेष कर पुलिस को यह हिदायत दी थी कि वे लोगों को नहरो एवं अन्य जल स्त्रोत पर जाने एवं वहा नहाने-धोने से रोक कर अपनी जान को जोखिम नहीं डालने देने के पुख्ता प्रबंध करने दे। जिला मजिस्ट्रेट ने तो ऐसी हिदायत नहीं मानने वाले लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी जैसा कदम उठाने तक के भी निर्देश दिए थे लेकिन लगता है कि स्थानीय प्रशासन ने जिला मजिस्ट्रेट की इस चेतावनी को गंभीरता से लिया है और ना ही लोगों न हा पुलिस सहित स्थानीय प्रशासन की इस आदेश को तवज्जो दी है और उसी के नतीजन गुरुवार को गेपरानाथ के कुंड में बिहार और मध्य प्रदेश से कोटा कोचिंग के लिए आए दो छात्रों के डूब कर मरने की ह्रदय विदारक अप्रिय घटना हो गई।

जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर ने कोटा के तीन कोचिंग विद्यार्थियों के बिना बताए गैपरानाथ में घूमने जाने तथा अनाधिकृत रूप से गहरे कुंड में उतर जाने से मौके पर ही डूबने से दो विद्यार्थियों की आकस्मिक मृत्यु को बड़ी दुखद घटना बताते हुए इस दुखद हादसे को एक बार फिर से गंभीरता से लेते हुये सुरक्षात्मक उपायों के लिए 22 नवम्बर को सम्बन्धित विभागों की बैठक बुलाई है।
श्री बुनकर ने कहा कि इस प्रकार की घटना चिंतनीय है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने जिला प्रशासन के कठोर कदम उठाए जाएंगे। गेपरानाथ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह लग रहा है की बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के यह नीचे घाटी में आमजन का जाना खतरे से खाली नही है। आमजन के लिए सुरक्षा इंतजाम किए बिना प्रवेश की अनुमति देना उचित नहीं है । ऎसे में आमजन की पर्याप्त सुरक्षा के उपाय करने के लिए शीघ्र निर्णय किया जाएगा,तब तक आम जन की नीचे आवाजाही बंद रहेगी। इसके लिए पुलिस एवं वन विभाग को निर्देश जारी किये जा रहे है।

श्री बुनकर ने बताया कि पुलिस, वन एवं अन्य समंधित विभागों की बैठक 22 नवबर को जिला कलक्टर कार्यालय में रखी गई है। इसमे सुरक्षात्मक उपायों पर निर्णय किया जाएगा। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को कार्ययोजना के साथ बैठक में आने के निर्देश दिए है।

इसके पहले भी जब बीते रविवार को दो घटनाओं में चार युवाओं की असमय जान चली गई थी तो जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर ने निर्देश दिया था कि कोटा जिले में रविवार को पानी में डूबने की पांच दुर्घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये कहा था कि ये दुर्घटनाएं बहुत अफ़सोसजनक, ह्रदय विदारक है। इन दिनों नहर में पानी चालू है। पुलिस प्रशासन इसका पूरा ध्यान रखे कि कोई बहते नहरी पानी में नहाने, कपड़े धोने की कोशिश नही करे। इसके साथ ही किसी के बहने पर तत्काल कार्रवाई करें। पुलिस ऐसे व्यक्ति को जो जान बूझकर जान जोखिम में डाल रहा है, चलते पानी में नहर में नहाने, कपड़े धोने की कोशिश करता है, उसे रोकने की कार्यवाही करें ताकि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।

जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए थे कि इसके लिये पुलिस, राजस्व विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं पंचायत राज संस्थाओं के कार्मिक अपने क्षेत्र में सतर्क रहें। ऐसे तत्वों को रोकें। अगर ऐसा कोई प्रकरण मिले तो तत्काल पुलिस की मदद से उसे पाबंद करें ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। पुलिस उसे गिरफ्तार भी कर सकेगी।

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