-दुष्यन्त सिंह गहलोत-
सम्मेद शिखर संरक्षण की मांग को लेकर कोटा में बुधवार को जैन समाज के जुलूस में हुजूम उमड़ा। सुबह समाज के लोगों ने सेवन वंडर से नयापुरा तक रैली निकाली और सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा वापस लेने की मांग की।
करीब डेढ़ किमी लंबी रैली में बड़ी तादात में महिलाएं भी शामिल हुई। जो भजन गाते हुए हाथों में तख्तियां लेकर चल रही थीं। कलेक्ट्रेट चौराहे पर आयोजित सभा को मुनि शुद्धसागर ने संबोधित किया।
सकल जैन समाज के लोगों का कहना है कि झारखंड की पूर्व सरकार की अनुशंसा पर भारत सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन के तहत सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की है। इससे जैन समाज में आक्रोश है।
सम्मेद शिखर जैन समाज का तीर्थ है। वहां जैनियों की पवित्र भावना है,वहां जूते चप्पल नहीं ले जाते, वहां खाने-पीने की अनुमति नहीं है। इस तीर्थ से समाज के लोगो की पवित्र भावना जुड़ी है।
उसको पर्यटन स्थल बनाने का विरोध करने आए हैं। हमारी मांग है कि सरकार पर्यटन स्थल की घोषणा को वापस लें और इसे निरस्त करें।
यह तीर्थ जैनियों का है इसे जैनियों का ही रहने दें। हम किसी भी कीमत पर इसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं होने देंगे हम अहिंसक जैन समाज है। हिंसा पर उतरने मजबूर ना किया जाए।