-नागेन्द्र कुमावत-
जैन धर्म के शीर्ष तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन,सौन्दर्यीकृत स्थल बनाने के विरुद्ध तथा मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के खिलाफ जैन समुदाय का कोटा में बुधवार को विशाल, अभूतपूर्व जुलूस। जुलूस में बडी संख्या में स्त्री, पुरुष और बुजुर्ग शामिल थे। सुबह समाज के लोगों ने सेवन वंडर से नयापुरा तक रैली निकाली और सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा वापस लेने की मांग की। करीब डेढ़ किमी लंबी रैली में बड़ी तादात में महिलाएं भी शामिल हुई। जो भजन गाते हुए ,हाथों में तख्तियां लेकर चल रही थी। बाद में कलेक्ट्रेट चौराहे पर सभा की। जहां मुनि शुद्धसागर ने संबोधित किया।
झारखंड सरकार ने अल्प संख्यक समुदाय के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करके जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का अनावश्यक,प्रयास किया है. राज्य सरकार शांति प्रिय जैन समाज को सड़कों पर आंदोलन रत होने के लिए विवश किया है. जैन समाज के साधु संत भी आंदोलनरत हैं.राज्य सरकार को जैन समाज के प्रतिनिधियों को बुलाकर समस्या का समाधान शीध्र कर लेना चाहिए ताकि देश में शांति व्यवस्था बनी रहे.
धार्मिक स्थलों की पवित्रता और उनके स्वरुप को बनाए रखा जाना चाहिए क्योंकि धार्मिक स्थल कोई पर्यटन स्थल नहीं है।