
-द ओपिनियन-
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश चरण में उनकी बहन और बहनोई का भी पहली बार साथ मिला। उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने पति और बेटे के साथ गुरुवार को यहां पहली बार अपने भाई राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी नजर आए। यात्रा के मध्य प्रदेश चरण के दूसरे दिन, राहुल गांधी ने खंडवा जिले के बोरगांव से पैदल मार्च शुरू किया। प्रियंका गांधी, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और बेटे रेहान भीे राहुल गांधी के साथ कदम मिलाते हुए दिखे। उधर, सचिन पायलट के इस यात्रा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपने पूर्व डिप्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गहलोत ने स्पष्ट किया कि वह पायलट को कभी मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं कर सकते। गहलोत इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रभारी की भूमिका में हैं।

उधर, आज इस यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और प्रियंका के समर्थन में नारेबाजी की। समर्थक उनके करीब आने के प्रयास में थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने रोके रखा। सड़क के दोनों ओर पुलिस कर्मियों ने राहुल गांधी को सुरक्षा के तौर पर रस्सियां पकड़ रखी थीं।
सूर्याेदय के बाद बोरगांव से जब यात्रा शुरू हुई तो पहले दिन की तुलना में भीड़ कम थी, लेकिन बाद में लोगों और वाहनों की संख्या बढ़ने लगी। यात्रा 380 किमी की दूरी तय करने के बाद 4 दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करेगी। पायलट ऐसे समय पदयात्रा में शामिल हुए हैं, जब राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा के रेगिस्तानी राज्य में प्रवेश से पहले फिर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई जा रही है।
सचिन पायलट ने राहुल और प्रियंका गांधी के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए ट्विटर पर जो लिखा उसके भी मयाने तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बेचौनी की यह भी एक वजह हो सकती है। पायलट ने लिखा भारत जोड़ो यात्रा का आज एक नया दिन परंतु देश जोड़ने का संकल्प व जोश वही। मध्य प्रदेश के बोरगांव से आज आरंभ हुई भारत जोड़ो यात्रा में सम्मिलित हुआ। राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी के साथ उठता हर कदम एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर इशारा करता है। सचिन पायलट के समर्थक एक बार फिर उन्हें सीएम बनाए जाने की मांग जोरशोर से करने लगे हैं। गहलोत कैबिनेट के कुछ मंत्री भी इसमें शामिल हैं। इस बीच गुर्जर समुदाय के बड़े नेता विजय बैंसला ने भी पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनका समुदाय राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करेगा। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के राजस्थान में आने के बाद पार्टी में कलह तेज हो सकती है।