बसपा विधायक राजू पाल के मुख्य गवाह उमेश पाल पर पहली गोली चलाने का आरोपी मुठभेड़ में ढेर

up police

-अतिक अहमद ने विजय चौधरी को दिया था उस्मान नाम

-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था

प्रयागराज। बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले शख्स को प्रयागराज पुलिस ने सोमवार तड़के कौंधियारा इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया। धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्य ने बताया कि कौंधियारा थाना क्षेत्र के गोठी और बेलवा के बीच मुठभेड़ के दौरान विजय चौधरी उर्फ उस्मान उर्फ नान बाबू (30) की गर्दन, छाती और जांघ में गोली लगी है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान कांस्टेबल नरेंद्र पाल के हाथ में चोट लग गई और उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। एक वीडियो के साथ-साथ सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि उस्मान वह व्यक्ति् था जिसने उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात कर्मियों को गोली मारी थी।
उस्मान कौंधियारा के बामोखर गांव का रहने वाला था। वह 24 फरवरी को धूमनगंज थाना क्षेत्र में पाल के घर के सामने उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों को दिनदहाड़े गोली मारने वाले कई हमलावरों में से एक था। उमेश पाल ने उसी दिन दम तोड़ दिया, जबकि बाद में इलाज के दौरान दोनों कर्मियों की मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि उस्मान ने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी। मृतक अपराधी विजय चौधरी एक हिंदू था और गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने उसे ‘उस्मान’ नाम दिया था। अतीक अहमद 2005 के राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वह वर्तमान में गुजरात जेल में बंद है। उस्मान का भाई राकेश चौधरी नैनी सेंट्रल जेल में बंद है और उसके खिलाफ हत्या समेत दर्जनों मामले दर्ज हैं। एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने उस्मान की मौत की पुष्टि की और कहा कि उस्मान के नाम पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
उमेश पाल के हमलावरों का ड्राइवर अरबाज 26 फरवरी को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि 27 फरवरी को हत्या की साजिश के मास्टरमाइंड सदाकत को जेल भेज दिया गया था। इस मामले से जुड़े लोगों की अवैध रूप से निर्मित संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया है।

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