
कोच्ची। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोचीन शिपयार्ड में एक भव्य समारोह में भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित किया। 45,000 टन वजनी इस युद्धपोत को 20,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। कोचीन शिपयार्ड में पिछले 13 वर्षों से इस विशाल जहाज का निर्माण किया जा रहा था। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। भारत की यह उपलब्धि इसलिए विशेष है क्योंकि इसके साथ ही भारत उन देशों के एलीट समूह में शामिल हो गया, जो एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं। फिलहाल, इन देशों की सूची में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन का नाम शामिल है। इतना ही नहीं यह दुनिया का 7वां सबसे बड़े कैरियर है।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए आत्मविश्वास से भर दिया है। यह भारत की कड़ी मेहनत, सरलता, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह स्वदेशी ताकत, अनुसंधान और कौशल का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में उनकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए आईएनएस विक्रांत पर महिला अधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नौसेना की सभी शाखाएं अब महिला अधिकारियों को शामिल कर रही हैं। आईएनएस विक्रांत, युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। इसे पहले नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में जाना जाता था। यह भारतीय नौसेना का इन-हाउस डिजाइन संगठन है।