-पी एम मोदी का मिस्र दौरा
कई दशकों पहले भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मिस्र के राष्ट्रपति नासिर और तत्कालीन युगोस्लाविया के नेता टीटो के साथ मिलकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी थी। वह भारत और मिस्र के रिश्तों का करीब दौर था। लगता है अब दोनों देशों के रिश्तों में वही दौर लौटकर आने वाला है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र के दौरे पर हैं। रविवार को मिस्र ने अपने सबसे प्रतिष्ठित सम्मान आर्डर ऑफ़ द नील से पीएम मोदी को सम्मानित किया। यह मिस्र को सर्वोच्च सम्मान है और किसी भी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष के लिए यह सम्मान दोनों देशों के रिश्तों की प्रगाढता को ही बयान करता है।

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी ने भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान दोनों नेताओं की बैठक से पहले दिया। बाद में हुई एक बैठक में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के आपसी हितों के मसले पर विचार विमर्श किया। दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश एवं उर्जा संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। इस मौके पर दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए। भारत के खिलाफ मुस्लिम देशों में पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान के मद्देनजर पीएम मोदी का यह दौरा बहुत ही अहम है। फिर मोदी को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देने से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान के दुष्प्रवार का भारत-मिस्र के रिश्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

इससे पहले अपनी यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी मिस्र की 11 वीं सदी में निर्मित ऐतिहासिक अल हाकिम मस्जिद का भी दौरा किया। इस मस्जिद के जीर्णोद्धार में भारत के दाउदी बोहरा समुदास ने अहम योगदान दिया है। इसलिए इसका भारत के दाउदी बोहरा समुदाय से गहरा नाता है।
भारतीय शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत के करीब 4000 सैनिकों ने मिस्र और फिलिस्तीन में लड़ते हुए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया था। पीएम मोदी ने वहां पहुंकर इन शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। काहिरा का हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान इन भारतीय सैनिकों की शहादत का गवाह है। इस कब्रिस्तान में हेलियोपोलिस पोर्ट तौफीक व हेलियोपालिस अदन स्मारक शामिल हैं। अदन स्मारक राष्टमंडल देशों के उन 600 सैनिकों की याद में बनाया गया है जिन्होंने अदन में लड़ते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया था।
मिस्र के राष्ट्रपति जनवरी में आए थे भारत की यात्रा पर
इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी मुख्य अतिथि थे। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापारिक साझेदारी को लेकर अहम बैठक की थी और दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती देने का फैसला किया था जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 7 अरब डालर के द्विपक्षीय व्यापार को बढाकर 12 अरब डालर तक पहुंचाने का फैसला किया था। आज की बैठक में इसी लक्ष्य को धार देने पर विचार विमर्श किया।

















