-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
रंगबिरंगे पंखों वाला आकर्षक पक्षी तोता अपनी बुद्धिमत्ता के लिए भी जाना जाता है। सीखने की तीव्र क्षमता के साथ यह विभिन्न आवाज भी पैदा करता है। इस पक्षी की यह कुछ खास विशेषताएं ही इसके प्रति मनुष्य को आकर्षित करती हैं और कई लोग इन्हें पालतू पक्षी के रूप में रखते हैं। आमतौर पर समूह में रहने वाला यह पक्षी इंसानों के साथ दोस्ताना व्यवहार करता हैं। इन्हें खुशी और भलाई का प्रतीक माना जाता हैं। इसे बौद्ध कला और शास्त्रों में काफी लोकप्रिय माना गया है। तोते की कई प्रजातियां हैं इनमें गागरोन का तोता अपने सौंदर्य और सहजता से मनुष्य के साथ घुल मिल जाने के कारण खास पहचान रखता है। इसका ऐतिहासिक कहानियों में भी वर्णन मिलता है।

तोते सिटासीडाय परिवार के सदस्य हैं, जिसमें तक़रीबन 350 से अधिक प्रजातियां होती हैं। कुछ प्रजातियों जैसे मैकॉ, एमेज़ोन, लवबर्ड, कॉकैटोस, आदि इसमें शामिल हैं। तोते की विभिन्न प्रजातियां रंगीन और अलग-अलग विशेषताओं वाली होती हैं। तोते के शरीर की ख़ास विशेषताएं होती हैं। इसकी एक मजबूत चोंच होती है, जिसके प्रत्येक पैर में चार अंगूठे होते हैं, और फिर उसके सिर पर आँखें होती हैं। वे आमतौर पर समूहों में रहते हैं और समूहों में उड़ते भी हैं। हालाँकि इनकी कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जो उड़ नहीं सकती।

फोटो जर्नलिस्ट अखिलेश कुमार ने तोते की विभिन्न मुद्राओं को अपने कैमरे में कैद किया है।
तोता की जीभ मनुष्य की जीभ के समान होती है इसलिए यह मनुष्य बोली में भी बोलने में चतुर होता है. झालावाड़ के गागरोन के प्राचीन महल के तोते मानव बोली में अपनी बात बड़ी चतुराई से कहते हैं