संजय कुमार मिश्रा के ईडी निदेशक पद पर कार्यकाल विस्तार को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया

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-मिश्रा 31 जुलाई तक रह सकेंगे पद पर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए बैक-टू-बैक एक्सटेंशन को अवैध और कानून में अमान्य करार दिया है। मिश्रा का लगातार तीसरा कार्यकाल बढाया गया था। हालाँकि, न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री मिश्रा को उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति को ध्यान में रखते हुए 31 जुलाई, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है। संजय मिश्रा को 18 नवंबर तक अपने पद पर रहना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार को झटका लगा है।
न्यायालय ने मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध बताया है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने का नियम सही है। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कहा कि हमने 2021 में आदेश दिया था कि उनका कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए। इसलिए अब वह 31 जुलाई तक ही अपने पद पर रह सकते हैं।
संजय कुमार मिश्रा को 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया था। नवंबर 2020 में संजय मिश्रा को रिटायर होना था, लेकिन 13 नवंबर 2020 को जारी एक आदेश में केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन साल कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार 2021 में एक अध्यादेश लेकर आई। अध्यादेश में कहा गया कि सीबीआई और ईडी के निदेशक का कार्यकाल दो साल से अधिकतम पांच साल तक बढ़ाया जाए। अध्यादेश को संसद में पारित कराया गया। इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना भी की थी।

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