-अरूण तिवारी-

(फतेहपुर उत्तर प्रदेश निवासी)
फाटा। केदारनाथ धाम में अपरांह 12 बजे हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद चार धाम यात्रा पर गए दर्जनों यात्री असहाय महसूस कर रहे हैं। फाटा से केदारनाथ धाम की दूरी सात किलोमीटर के करीब है लेकिन यह हेलीकॉप्टर से ही सुगम रास्ता है। पैदल मार्ग बहुत खराब स्थिति में है। इस पर सफर करना सबसे दुरूह कार्य है। जब तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हुई थी तब तक यात्री इसी मार्ग से जाते थे लेकिन अब अधिकांश हेलीकॉप्टर का विकल्प ही चुनते हैं। हेलीकॉप्टर से केवल सात मिनट का समय लगता है जबकि पैदल यात्रा में बहुत ज्यादा समय और खतरा भी रहता है। यदि मौसम खराब हो तो स्थिति और विकट हो जाती है। वैसे भी इस समय मौसम बहुत खराब है और इसी वजह से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ बताया जा रहा है।
प्रशासन और हेलीकॉप्टर कंपनियों ने हवाई सेवा बंद कर दी है क्योंकि मौसम अनुकूल नहीं है और यह यात्रा का अंतिम दौर भी है। ऐसे में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। ऐसे में यहां पफंसे यात्री तय नहीं कर पा रहे कि वे बगैर केदारनाथ धाम के दर्शन कर घर लौटें या जान जोखिम में डाल पैदल यात्रा करें।
हम छह जने यात्रा पर आए थे। इनमें चार जने साठ साल या इससे अधिक उम्र के हैं। हमारे लिए पैदल यात्रा करना आसान नहीं है। हमारे जैसे दर्जनों लोग यहां है। हेलीकॉप्टर कंपनियों ने हमारा शुल्क भी लौटा दिया है। यह शुल्क प्रति व्यक्ति पांच हजार रुपए है। सभी यही कह रहे हैं कि अब यह सेवा नहीं मिलेगी। इस सीजन की हेलीकॉप्टर सेवा रद्द कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम यात्रा पर आए लोग मंगलवार को उस समय दहशत में आ गए जब दोपहर करीब 12 बजे एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई बताई जा रही है। हादसा केदारनाथ से दो किलोमीटर पहले गरुड़चट्टी में हुआ है। हेलीकॉप्टर वहां से लौट रहा था। हम लोग बद्रीनाथ के दर्शन करने के बाद केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए सोमवार को यहां फाटा में पहंुचे थे। और हेलीपेड पर अपने नंबर का इंतजार कर रहे थे तभी दुर्घटना की सूचना मिली। सूचना मिलते ही सभी सकते में आ गए।
हम लोग यहां पहुंचने के बाद रात्रि को विश्राम किया और सुबह तैयार होकर हेलीपेड पर आ गए। हमारा नंबर 12 बजे के बाद का था। यहां से हेलीकॉप्टर से सात मिनट में केदारनाथ धाम के पास उतर सकते हैं और फिर भगवार के दर्शन कर वापस लौट सकते हैं। हम यही सोच रहे थे कि आराम से जाएंगे और शाम तक वापस लौट लेंगे। अगले दिन घर वापसी होगी लेकिन हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दुर्घटना के समाचार सेे यहां मौजूद तीर्थ यात्रियों में घबराहट फैल गई।
वैसे भी आज सुबह से ही मौसम बहुत खराब हो रहा था। सभी लोग हेलीकॉप्टर से उडान भरने के प्रति आशंकित थे। इसके बाद दुर्घटना का समाचार भी आ गया। इससे सभी यात्री बुरी तरह घबरा गए। अब सभी आपस में बातचीत कर नए विकल्प के बारे में सोच रहे हैं। देखते हैं आगे क्या होता है।
वहाँ पर फंसे परिवारों की मदद के लिए सरकार आगे आए और उनको सुरक्षित वहां से निकाले।