14 अक्टूबर तक आरटीई के तहत पूरक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की योजना

पीएसपी पोर्टल पर कई निजी स्कूलों के नाम छूटने से आरटीई प्रवेश से वंचित रहे छात्रों का मामला

-एज्यूकेशन न्यूज-

राजस्थान का शिक्षा विभाग की गलती से प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर कई निजी स्कूलों के नाम प्रदर्शित नहीं होने से इन स्कूलों में आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश से कई बच्चे वंचित रह गए। जानकारी होने के बाद विभाग अब अपनी गलती सुधारने में जुट गया है और पूरक टाइम फ्रेम जारी करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत 27 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन लेने तथा 14 अक्टूबर तक आरटीई के तहत पूरक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की योजना है।

वंचित बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद भौतिक सत्यापन प्रक्रिया

गौरतलब है कि निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेशित बच्चों का भौतिक सत्यापन विभाग की ओर से हर साल सितंबर में करा लिया जाता है, लेकिन इस सत्र में इसी वजह से निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों का भौतिक सत्यापन भी नहीं हो पाया है। विभाग पहले वंचित बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद भौतिक सत्यापन प्रक्रिया शुरू करना चाहता है।

करीब 17-18 निजी स्कूल के नाम पोर्टल पर प्रदर्शित ही नहीं हुए

राज्य के करीब 17-18 निजी स्कूल ऐसे हैं, जिनके नाम पोर्टल पर प्रदर्शित ही नहीं हुए, जिससे इन स्कूलों में आर्थिक रूप से दुर्बल तथा अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क प्रवेश नहीं मिल सका और पोर्टल बंद भी हो गया। वंचित बच्चों के अभिभावकों तथा स्कूल संचालकों ने जब विभाग को इस बारे में जानकारी दी, तो विभाग ने पूरक प्रवेश टाइम फ्रेम जारी करने का रास्ता निकाला। दरअसल सत्र 22/23 में आरटीई में निशुल्क प्रवेश के लिए 20 अप्रेल 22 को टाइम फ्रेम जारी किया गया था तथा निर्धारित तिथि के बाद पीएसपी पोर्टल पर निशुल्क प्रवेश का टैब निष्क्रिय किया जा चुका है।

निजी स्कूलों ने गिनाई व्यावहारिक दिक्कतें

निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि विभाग को जिन बच्चों का प्रवेश हो चुका है, उन स्कूलों का तो भौतिक सत्यापन करा लेना चाहिए, ताकि प्रवेशित बच्चों के फीस पुनर्भरण की प्रक्रिया तो आगे बढ़े। विभाग की गलती से वंचित रहे बच्चों की करीब 5 माह की पढ़ाई खराब हो चुकी है। इसके लिए ऐसे स्कूलों को नव प्रवेशित छोटे बच्चों के शिक्षण की अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी, क्योंकि पहले से बिना आरटीई वाले बच्चों का आधा कोर्स हो चुका है। नए बच्चों को तो शुरू से शिक्षण कराना पड़ेगा, तब कहीं वे अपनी कक्षा के स्तर तक लाए जा सकेंगे। विभाग की गलती से बच्चे, तो प्रवेश से वंचित रहे ही। साथ ही स्कूलों के भौतिक सत्यापन में भी देरी हो रही है।

आठवीं व पांचवी पूरक परिणामों के प्रकरण 22  तक समेकित रूप से भेजने के निर्देश

आठवीं और पांचवी पूरक परीक्षा के परिणामों में किसी तरह के संशोधन के प्रकरण एक साथ समेकित रूप से भेजने के निर्देश सभी डाइट प्राचार्यों को दिए गए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं द्वारा 14 सितंबर को पूरक परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए थे। इनमें परीक्षार्थियों के विवरण या अन्य में कुछ कमियां रहने और उनमें सुधार के प्रकरण एक-एक करके भेजे जा रहे थे, जिससे विभाग को निस्तारण में परेशानी आ रही थी। इसलिए अब विभाग ने सभी डाइट्स प्राचार्यों को अपने जिले के ऐसे सभी प्रकरण समेकित कर 22 सितंबर तक भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि ऐसे प्रकरणों का एक साथ निस्तारण किया जा सके।

नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा के आवेदन कल से
नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा 2023 के लिए आवेदन शाला दर्पण पोर्टल पर बीस सितंबर से भरे जाएंगे। इसकी अंतिम तिथि तीस सितंबर तक रखी गई है। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक प्रियंका जोधावत ने बताया कि राजकीय विद्यालय में कक्षा 8 में अध्ययनरत विद्यार्थी इस स्कॉलरशिप के लिए पात्र हैं। यह केन्द्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना है। इस परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को 12 हजार रुपए प्रति वर्ष की दर से चार वर्ष तक छात्रवृत्ति दी जाएगी। फिलहाल परीक्षा तिथि 17 नवंबर तय की गई है।

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