-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। कोचिंग सिटी कोटा को भले ही अरबों रुपए के विकास कार्यों से स्मार्ट बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास किए गए हों लेकिन चंबल जैसी सदा नीरा नदी के किनारे बसे इस शहर में नैसर्गिक सौंदर्य की कमी नहीं है।

यदि आपके पास प्राकृतिक सौंदर्य को देखने की नजर है तो चाहे चंबल नदी के किनारे चले जाइए या मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र अथवा यहां के ग्रामीण इलाके में एक से बढकर एक नजारे देखने को मिल जाएंगे।

कोटा का कण कण हेरिटेज और नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर है। आपको ऐसे सुनसान स्थानों पर भी कुछ न कुछ ऐतिहासिक निर्माण मिल जाएंगे जिन्हें देखकर आश्चर्य होगा कि इन्हें यहां किसने बनाया होगा और इसके पीछे क्या मकसद होगा।

लेकिन जब यहां से प्रकृति को निहारेंगे तो इनके निर्माताओं की बुद्धिमत्ता को दाद दिए बगैर नहीं मानेंगे। फोटो जर्नलिस्ट अखिलेश कुमार ने ऐसे ही कुछ स्थानों को अपने कैमरे में कैद किया है।
नैसर्गिक सौन्दर्य को देखकर दिल और दिमाग को जितनी संतुष्टि मिलती है उतनी शायद सीमेंट कांक्रीट से बनाए गए लोक लुभावन निर्माण कार्यों से नहीं मिलती है. हाड़ोती में अनेक पुरातात्विक स्थल हैं जिनको देखकर कर तत्कालीन शिल्पकारों के कला कौशल पर आश्चर्य होता है.