
-बृजेश विजयवर्गीय-
कोटा। मुकुंदरा टाईगर रिजर्व में बाघ के पुनर्वास का बाघ- चीता मित्रों व चम्बल संसद के सदस्यों व पदाधिकारियों ने स्वागत किया है।
बाघ चीता मित्र संयोजक बृजेश विजयवर्गीय,चम्बल संसद,(राष्ट्रीय जल बिरादरी ) के अध्यक्ष केबी नंदवाना, सभापति जीडी पटेल, तरूण भारत संघ के प्रबंधक चमन सिंह, मुकेश गुर्जर, कपिल व्यास, मुकेश सुमन,इंटेक के कंवीनर निखिलेश सेठी को कंवीनर बहादुर सिंह हाड़ा,चम्बल संसद के संरक्षक यज्ञदत्त हाड़ा,गीता दाधीच आदि ने मुकुंदरा में बाघों की पुर्नवापसी का स्वागत करते हुए कहा कि बाघ के रख रखाव में पूर्व की गलतियां नहीं दोहराई जानी चाहिए। इसके लिए पर्याप्त स्टाफ व संसाधानो से वन विभाग को लैस किया जाए। गश्त व दीवारों की सुरक्षा की व्यवस्था दुरूस्त की जाए। कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी के सचिव विनीत महोबिया ने भी वन्यजीव संरक्षण की दिशा में बाघ के पुर्नस्थापन को महत्वपूर्ण कदम बताया है।
हाड़ौती संभाग के कोटा जिले के मुकुंदरा टाईगर रिजर्व में बाघों के पुनर्वास के लिए सरकार को गंभीरता से कार्ययोजना बना कर कार्य करने की आवश्यकता है। पूर्व में 2020 में अचानक 5 बाघों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद अब मात्र एक बाघिन अवशेष स्वरूप बची हुई थी। उसका इंतजार अब पूरा हुआ।
वन्यजीव प्रेमियों ने कहा कि मुकुंदरा में पुनः बाघों की दहाड़ सुनाई देने की सुव्यवस्था करें। इसके लिए आगे से पुनः बाघों के लिए कोई संकट न हो बसाने से पूर्व पुख्ता व्यवस्था की जाए। यहां का आधारभूत ढांचा तैयार है,उसे सतर्कता के साथ जनभागीदारी को सुनिश्चित करते हुए बाघ प्रबंधन को सुदृढ़ किया जाए। पर्याप्त प्रेबेस, स्टाफ, सुरक्षा व निगरानी तंत्र, आवश्यक संसाधनों से लैस कर्मचार वर्ग को तैनात किया जाए। कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए। मुकुंदरा में बाघों के पुनर्वास की यहां के निवासियों की 30 वर्ष पुरानी मांग रही है। इसके लिए लोगों ने काफी प्रयास किया है। सरकार ने हमेशा सकारात्मक सहयोग किया है। पूर्व की कमियों को दूर करते हुए बाघों का पुनर्वास हाडौती के पर्यटन विकास एंव जैव विविधता के संरक्षण के लिए अनिवार्य है।