मोदी तो चाहते ही नहीं कि मणिपुर में हिंसा खत्म हो-राहुल गांधी

आदिवासी हिंदुस्तान के पहले निवासी हैं। वह भारत के पहले मालिक हैं। यह जो जमीन है जिसे आज हम भारत कहते हैं, यह जमीन आदिवासियों की जमीन हुआ करती थी। यह मुझे मेरी दादी इंदिरा गांधी ने बताया था। मैंने एक दिन उनसे पूछा, दादी यह आदिवासी शब्द का मतलब क्या है? मेरी दादी आदिवासियों से बहुत प्यार करती थी। उनसे उनका गहरा रिश्ता था। मैंने पूछा, यह शब्द क्या होता है तो उन्होंने बताया कि यह हिंदुस्तान के पहले निवासी है। यह जो हमारी जमीन है जिसको हम आज भारत कहते हैं, यह जमीन इन आदिवासियों की जमीन है।

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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ही दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद के भीतर और बाहर दो बार भारत माता का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह आरोप पिछले तीन महीने से निरंतर जल रहे मणिपुर राज्य के हिंसा को रोक पाने में केंद्र सरकार के विफल होने के संदर्भ में लगाया और यह कहा कि प्रधानमंत्री के मुंह से जिस तरह से मणिपुर का शब्द नहीं निकल रहा,उससे तो लगता है कि मणिपुर भारत का हिस्सा ही नहीं है।

 

-कृष्ण बलदेव हाडा –

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कृष्ण बलदेव हाडा

(वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)

मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा)। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक ही दिन में दो बार भारत माता की हत्या करने का आरोप लगाया और दोनों ही बार पिछले तीन माह से उपद्रवग्रस्त मणिपुर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर भारत माता की हत्या का आरोप जड़ा।
मणिपुर के मसले पर लोकसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के समय बुधवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत माता की हत्या का आरोप लगाया था जिसे उन्होंने दोपहर में राजस्थान में बांसवाड़ा के प्रसिद्ध मानगढ़ धाम में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए इस आरोप को फिर से दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहे तो मणिपुर में लगी हिंसा की आग केवल दो दिन में बुझा सकते हैं। वह अगर सेना को कहें तो सेना दो दिन में इस आग को बुझा देगी लेकिन प्रधानमंत्री तो चाहते ही नहीं कि मणिपुर में शांति बहाल हो, वह आग को जलाए रखना चाहते हैं।
श्री राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता की बहाली के बाद अपनी पहली बड़ी जनसभा में कहा कि-” भारतीय जनता पार्टी की सोच ने मणिपुर में आग लगा रखी है। तीन महीने से मणिपुर में आग जल रही है। लोग मारे जा रहे हैं। महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। मैंने आज संसद में भी मणिपुर में भारत माता की हत्या करने की बात कही है।”
श्री राहुल गांधी ने कहा कि-” प्रधानमंत्री के मुंह से जिस तरह से मणिपुर पर एक शब्द भी नहीं निकल रहा, उसे देखते हुए तो ऐसा लगता है कि मणिपुर भारत का ही नहीं। मैं वहां गया, लोगों से मुलाकात की लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक वहां की हिंसा को रोकने के लिए एक शब्द तक नहीं बोला है। वह तो जहां भी जाते हैं, किसी ने किसी को लड़ा देते हैं क्योंकि नफरत और हिंसा फैलाने की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का विश्वास है।”
राहुल गांधी ने भाजपा पर आदिवासियों का भला नहीं चाहने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे देश के पहले निवासी यही आदिवासी जिन्हें उनका पूरा हक मिलना चाहिए। आदिवासियों के गढ़ बांसवाड़ा जिले में हुई इस विशाल जनसभा में आदिवासी समुदाय को कांग्रेस के प्रति आकर्षित करने के नजरिए से राहुल गांधी के भाषण का बड़ा हिस्सा उन पर ही केंद्रित रहा।

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राहुल गांधी ने कहा कि-” आदिवासी हिंदुस्तान के पहले निवासी हैं। वह भारत के पहले मालिक हैं। यह जो जमीन है जिसे आज हम भारत कहते हैं, यह जमीन आदिवासियों की जमीन हुआ करती थी। यह मुझे मेरी दादी इंदिरा गांधी ने बताया था। मैंने एक दिन उनसे पूछा, दादी यह आदिवासी शब्द का मतलब क्या है? मेरी दादी आदिवासियों से बहुत प्यार करती थी। उनसे उनका गहरा रिश्ता था। मैंने पूछा, यह शब्द क्या होता है तो उन्होंने बताया कि यह हिंदुस्तान के पहले निवासी है। यह जो हमारी जमीन है जिसको हम आज भारत कहते हैं, यह जमीन इन आदिवासियों की जमीन है। उन्होंने यह भी बताया था कि जो आज का आधुनिक समाज है, उसे आदिवासियों से जीवन जीने का तरीका सीखना चाहिए। जल-जंगल-जमीन के साथ क्या रिश्ता होना चाहिए, यह आदिवासियों से सीखना चाहिए।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आदिवासी हिंदुस्तान के वास्तविक मालिक है जो अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हुए लेकिन भाजपा ने आदिवासियों के लिए एक नया ही शब्द खोज निकाला है। वह उन्हें वनवासी कहते हैं। वे आदिवासियों को आदिवासी नहीं वनवासी कहते हैं। यह आदिवासियों और भारत माता का अपमान है।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लोग यह नहीं चाहते कि आदिवासियों के बच्चे डॉक्टर,वकील, बिजनेसमैन बने। वे चाहते हैं कि आदिवासी जंगल में रहे, वनवासी का ठप्पा उन पर लगा रहे लेकिन हम यह बात मानने को तैयार नहीं है और आदिवासियों को उनका हक दिलाएंगे क्योंकि वही देश के पहले निवासी और इस देश के निवासी होने के नाते उनको उनका हक मिलना ही चाहिए। आदिवासियों को जंगल और जमीन पर हक मिले, इसके लिए हमने आदिवासी बिल बनाया लेकिन भाजपा और संघ ने क्या किया? उन्होंने एक के बाद एक इसे रद्द कर दिया। वे चाहते हैं कि आदिवासी जंगल में ही रहे और धीरे-धीरे जंगल कटते रहें ताकि उनके हक और जमीन को छीना जा सके। आदिवासी आदिवासी है और आदिवासी ही रहेंगे। इस बात को कोई बदल नहीं सकता है। यह इतिहास है जिसे कोई बदल नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यह जमीन आदिवासियों की थी और उनको उनका हक मिलना ही चाहिए। हम चाहते हैं कि आदिवासी जहां भी रहें, सफलता हासिल करें। आप जो बच्चों के लिए सपना देखते हैं, वह पूरा होना चाहिए। अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि-” मैंने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने का ऐलान किया था। मैं अभी भी कहता हूं कि मैं आदिवासियों का सिपाही हूं। जो आप चाहते है, हम दिल से आपकी मदद करेंगे, हम चाहते हैं आपको आपका हक मिले और आपके सपने पूरे हो।”

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