
-अखिलेश कुमार-

कोटा। दशहरा मेला कोटा का लोक उत्सव है। भले ही इसे राष्ट्रीय दशहरा मेला कहा जाए लेकिन दशकों से यह मेला यहां के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। लोगों को साल भर इस मेले का इंतजार रहता है। यहां तक कि हाडोती के दूर तक के इलाकों से लोग रावण दहन और इसके बाद होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने आते हैं। कोरोना काल में इस मेले का आयोजन नहीं हुआ तो लोगों को मायूसी रही लेकिन तमाम विवादों के बावजूद जब बुधवार को रावण दहन हुआ तो चहुँ ओर उत्साह का वातावरण था। दशहरा मैदान में हजारों की संख्या में लोग उमड़े और रावण दहन के साथ देर रात तक मेले का लुत्फ उठाया। फोटो जर्नलिस्ट अखिलेश कुमार ने दशहरा के अवसर पर अपने कैमरे से कई यादगार क्षण कैद किए जो कोटा की इस ऐतिहासिक परंपरा और विरासत के प्रति लोगों के उत्साह को प्रदर्शित करती है।
कोटा के दशहरा मेले का सजा धजा प्रवेश द्वार फोटोः अखिलेश कुमार
कोटा के दशहरा मेले में लोक संगीत के बाद सुस्ताते कलाकार फोटोः अखिलेश कुमार
कोटा के दशहरा मेले में रावण दहन देखने उमडी भीड फोटोः अखिलेश कुमार
कोटा के दशहरा मेले में रावण के नेपथ्य में सेल्फी लेते हुए फोटोः अखिलेश कुमार
कोटा के दशहरा मेले में रावण दहन के इंतजार में बैठे सजीी छतरी पर बैठे लोग फोटोः अखिलेश कुमार
कोटा दशहरा मेला के मनोहारी चित्र ।