टेलीफिल्म अदृश्य का प्रीमियर 12 अक्टूबर को

परिवार एक व्यवस्था के तहत चलता है, परिवार में अगर अव्यवस्था हो जाए तो जीना दुश्वार हो जाता है। हमें बचपन से सिखाया जाता है की अंजान व्यक्तियो से दूर रहे। लेकिन अगर अपने ही हमें दुख देने लगे तो उनसे कैसे बचा जाए। उसका एक मात्र उपाय है आध्यात्मिक ज्ञान

brahma film

-पी के आहूजा-
ब्रह्माकुमारीज द्वारा प्रस्तुत ओमशांति शांति प्रोडक्शन के तले बनी है ये टेलीफिल्म अदृश्य। समाज हम लोगों से ही बना है और हमारे समाज का अभिन्न अंग है परिवार। परिवार एक व्यवस्था के तहत चलता है, परिवार में अगर अव्यवस्था हो जाए तो जीना दुश्वार हो जाता है। हमें बचपन से सिखाया जाता है की अंजान व्यक्तियो से दूर रहे। लेकिन अगर अपने ही हमें दुख देने लगे तो उनसे कैसे बचा जाए। उसका एक मात्र उपाय है आध्यात्मिक ज्ञान। जिसे हम अपने जीवन में अपनाने से कतराते हैं। पर कुछ ऐसी बातें हैं जिसका उत्तर न ही धर्म के पास है और न ही विज्ञान के पास, लेकिन अध्यात्मिकता के पास जरूर है।

अकाल मृत्यु होने के बाद व्यक्ति का क्या होता है? उसका पुनर्जनम होता है या वो अपने ही घर के आस पास भटकता रहता है ? और अगर अपने ही हमारे दुश्मन बन जाए तो उससे कैसे बचा जाए। यही बात पर आधारित ये फिल्म जिसका नाम है अदृश्य।इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, ब्राह्मणी राजकुमार, अनीता भावसागर और राजेश गुप्ता। ये फिल्म को प्रोड्यूस किया है बीके प्रभा मिश्रा ने जिन्होने सफलता पूर्वक, हरिद्वार से हरि के द्वार तक, वीरांगना, विजयमाला, समर्पण जैसी कई टेलीफिल्म्स का निर्माण किया और सारे विश्व में आपके बनाए गए टेलीफिल्मों के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान और मूल्य का संचार किया।

फिल्म के निर्देशक, लेखक, और सिनेमेटोग्राफर है बीके पंपोश मिश्रा फिल्म का उद्घाटन 12 अक्टूबर को ब्रह्माकुमारीज के हेड क्वार्टर के डायमंड हॉल में ब्रह्मकुमारी की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी, राजयोगी निर्वैर भाईजी और राजयोगिनी मुन्नी दीदीजी और अन्य वरिष्ठ भाई बहनों के द्वारा किया जायेगा। ये टेलीफिल्म आप सभी, ओमशांति शांति प्रोडक्शन के यूट्यूब चौनल पर 12 तारीख के बाद देख सकते हैं।

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