कोटा। यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा के कॉमर्स एंड मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की शोधार्थी नीलिमा मोदी ने डार्क टूरिज्म पर पीएचडी की है। उन्होंने यह शोध कार्य डॉ. अनुकृति शर्मा, विभागाध्यक्ष कॉमर्स एंड मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के दिशा निर्देशन में किया। कुलपति डॉ. नीलिमा सिंह ने डार्क टूरिज्म जैसे नए विषय पर पीएचडी करने के लिए नीलिमा मोदी को बधाई दी। डॉ अनुकृति शर्मा ने बतया कि यह विषय चुनने का कारण राजस्थान में पर्टयन के नए आयामों एवं पर्यटन के नए उत्पादों को बढ़ावा देना था। पीएच.डी. के फाइनल वाइवा के परीक्षक अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. नवाब अली खान रहे। उन्होंने रिसर्च की सराहना करते हुए कहा कि डार्क टूरिज्म के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत है। प्रो रीना दाधीच डायरेक्टर रिसर्च डिपार्टमेंट ने शोध के दौरान बहुत सहयोग किया। डॉ विपुल शर्मा तथा चमन तिवारी ने भी शोध की प्रकिया को शोधार्थी को बहुत अच्छे से अवगत करते हुए सभी फॉर्मेट इत्यादि उपलब्ध कराए। कॉमर्स एंड मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की एच.ओ.डी. और शोधार्थी की सुपरवाइजर डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के उपयोग से डार्क टूरिज्म के लिए जागरूकता को बढ़ाया जा सकता है। पीएच.डी. फाइनल वाइवा परीक्षा में विभाग की डीन डॉ. अनीता सुखवाल तथा विभाग के अन्य शिक्षक सदस्य डॉ. श्रुति अरोड़ा, डॉ. प्रिया चौधरी, डॉ. जतिन मानिकतला, और डॉ. नीता पारीक शामिल रहे। नीलिमा मोदी ने बताया कि इस रिसर्च का और डार्क टूरिज्म का राजस्थान टूरिज्म में आने वाले दिनों में बहुत योगदान रहने वाला है। इस रिसर्च के मुताबिक अब लोग ऐसी जगहांे पर भी जाना चाहते हैं जो कहीं ना कही त्रास्ति, दुख, आपदा, और मृत्यु से संबंधित है। भानगढ़ किला और कुलधारा गांव को लोग काफी पसंद करते हैं जो कि राजस्थान की भुतिया जगाहे मानी जाती है। आगंतुक चित्तौड़गढ़ के जौहर कुंड को देखना चाहते हैं। राजस्थान के राजाओं की छतरियां, हल्दीघाटी का युद्ध स्थल, जैसलमेर-बीकानेर के युद्ध संग्रहालय, कब्रिस्तान, और जौहर स्थान अब लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। शोध के मुताबिक लोग इन जगाहो पर जाना इसीलिए पसंद कर रहे हैं ताकि वो घूमने के मकसद जो कि कहानी के पीछे की सच्चाई का पता लगाना, रोमांच की तलाश, असाधारण गतिविधियों की तलाश, ज्ञान प्राप्त करना, असामान्य स्थानों पर जाना, स्मरण के लिए, पीड़ितों को सम्मान देने के लिए, और अध्ययन या शोध काम को पूरा करना है।
कोटा यूनिवर्सिटी में डार्क टूरिज्म जैसे नए विषय पर शोध
नीलिमा मोदी को पीएचडी की उपाधि
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