
-द ओपिनियन-
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वे विदेशी संस्थानों के सहयोग से एडुटेक कंपनियों द्वारा ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले विज्ञापनों से गुमराह न हों। यूजीसी का कहना है कि क्योंकि इन्हें नियामक संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यूजीसी ने कहा कि ऐसे ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों को इसके द्वारा मान्यता नहीं दी गई। यूजीसी ने पीएचडी के इच्छुक छात्रों से यूजीसी नियम 2016 के अनुसार पीएचडी कार्यक्रमों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए कहा है।
उच्च शिक्षा नियामक संस्था ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक नोटिस ट्वीट कर कहा कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए यूजीसी के नियमों और पीएचडी की डिग्री देने के लिए उसके संशोधनों का पालन करना अनिवार्य है।
नोटिस में कहा गया है कि पीएचडी डिग्री प्रदान करने के मानकों को बनाए रखने के लिए, यूजीसी ने यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियमन 2016 को अधिसूचित किया है।
यूजीसी के अप्रैल में जारी डुअल-डिग्री दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्र एक ही विश्वविद्यालय में या विभिन्न विश्वविद्यालयों से एक साथ दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रम कर सकते हैं। लेकिन, पीएचडी कार्यक्रम दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आते हैं।