
– मुकेश सुमन-
बारां। सोरसन बचाओ गोडावण बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के 3 नवंबर को प्रस्तावित बारां दौरे पर स्मरण कराया है कि मुख्यमंत्री को गोडावण ब्रीडिंग सेंटर बनाने की बजट घोषणा की पालना कराते हुए सोरसन को अभ्यारण्य बनाने की मांग को स्वीकार करना चाहिए। इस बारे में मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।
सोरसन बचाओ गोडावण बचाओ संघर्ष समिति के बारां जिला समन्वयक मुकेश कुमार सुमन, पंकज खण्डेलवाल, प्रदीप पोटर, नीलू सुमन, सत्यनारायण जांगीड, प्रमोद जांगीड़ तथा सोरसन के आसपास के गांवों के लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बारां आगमन की खबर से हमें प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की बजट घोषणा का पालन करावें एवं क्षैत्र के लोगों की वर्षों पुरानी मांग है कि इस जंगल को अभ्यारण्य घोषित किया जाए। क्षैत्र में अभी भी काले हिरणो और अन्य कई वन्य जीवों की प्रजातियां मौजूद हैं। अनेक प्रकार के पक्षी यहां के जलाशयों पर डेरा डालते हैं। नियाणा और अमलसरा आदि गांवों के पर्यटन विकास की पूरी संभावना है। गत वर्ष भी सोरसन क्षैत्र में खानें आवंटित करने पर पर्यावरणप्रेमियों ने आंदोलन किया था जो अभी तक चल रहा है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि यहां पर खनन गतिविधियों को बंद करावे।
सोरसन बचाओ,गोडावण बचाओ संघर्ष समिति नेबताया कि गोडावण और बाघों को बचाने की बात करने से समूचा जंगल बचता है। बारां जिले में सरकार ने सोरसन में गोडावण ब्रीडिंग सेंटर की बजट घोषणा की थी लेकिन उसे पूरा नहीं किया। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने सोरसन को गोडावण प्रजनन केंद्र के लिए चुना है। सरकार ने इसी स्थान के पास खनन का मंजूरी देकर इसके अस्तित्व के लिए चुनौती खड़ी कर दी। सारी ताकतें गोडावण को रोकने का प्रयास कर रही है। हम इस समय जो मांग उठा रहे है उसका संबंध आने वाली पीढ़ी से है। मुख्यमंत्री को दो दिन बारां में रह कर यहां के जंगलों को देखना चाहिए। इन लोगों ने बताया कि बारां जिले के शाहबाद का कंजर्वेशन रिजर्व बना कर सरकार ने श्रेष्ठ कार्य किया है। इसी प्रकार रामगढ़ क्रेटर को भी संरक्षित धरोहर का दर्जा दिया जाए।
(सचिव, चम्बल संसद,सदस्य बाघ- चीता मित्र बारां- कोटा- 8003352426)