
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में सोमवार को एक स्वयंसेवी संगठन श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान अपनी अनूठी मांग को मनवाने का ज्ञापन देने के लिए अनूठे अंदाज में जुलूस लेकर जिला कलक्ट्री पहुंचा।
अनूठी मांग यह थी कि पूरे देश में अंतिम संस्कार करवाने के लिए अलग से अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना की जाए और राष्ट्रपति को संबोधित इस मांग का एक ज्ञापन कोटा के जिला कलक्टर ओपी बुनकर को देने के लिए अनूठा अंदाज यह था कि श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी, संयोजिका अलका दुलारी जैन और इंतकाल इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष गुड्डू वारसी के नेतृत्व में कोटा के नयापुरा से लेकर महाराव भीमसिंह अस्पताल रोड होते हुए कलक्ट्री तक ‘ राम नाम सत्य है ‘की राम धुन के साथ एंबुलेंस एवं अंतिम यात्रा वाहनों की रैली निकाली गई और एक प्रतिनिधिमंडल ने कलक्ट्री पहुंचने के बाद जिला कलक्टर ओपी बुनकर को राष्ट्रपति के नाम संबोधित अपनी इस मांग का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर देश के प्रत्येक कस्बों और शहरों में मोक्ष धामों के नजदीक कही किसी डेयरी बूथ की तरह ऐसे संस्थान स्थापित करें जहां एक ही छत के नीचे सुव्यवस्थित तरीके से रियायती दरों पर अंतिम संस्कार में इस्तेमाल की जाने वाली सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो ताकि लोगों को अपने किसी को खोने के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए इधर-उधर भटकना नही पड़े।
ज्ञापन में कहा गया है कि कस्बों से लेकर नगर-महानगरों तक जहां भी अंतिम मोक्ष स्थान है, उनका सुव्यवस्थित तरीके से निर्माण हो। अंतिम संस्कार से लेकर शव यात्रा में सम्मिलित होने वाले लोगों के स्नान तक की व्यवस्था की जाए। सामाजिक कारणों से रात्रि में अंतिम संस्कार नहीं किए जाने की परंपरा होने के कारण मोक्ष धामों में ही डी फ्रीजर की व्यवस्था की जाए ताकि शवों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा मोक्षधामों से अस्थियों की चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रवाहित किए जाने से अस्थियां लॉकर में सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाए।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि किसी दिवंगत के शव को एक शहर से दूसरे शहर या राज्य ले जाने के लिए ताबूत और शव वाहन की व्यवस्था की जाए ताकि शवों को लोग गरिमामय तरीके से अपने पैत्रक स्थानों पर ले जाकर उनका अंतिम संस्कार कर सकें। संगठन ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया गया है कि कोरोना काल में असहाय लोगों को अपनों के शव को कंधे से लेकर साइकिल तक पर लाद कर ले जाते हुए ऐसे दारुण दृश्यों को देखा गया है जिससे लगता है कि मरने के बाद भी शांति नसीब नहीं हुई। अपार दुख की इस घड़ी में भी कुछ एंबुलेंस संचालकों को दिवंगतों के परिवारजनों से शवों की ढुलाई की एवज में मनमाना पैसा वसूली करते देखना जुगुप्सा पैदा करता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि अंत्येष्टि मंत्रालय ही अपने संसाधनों के जरिए लोगों को प्रेरक संदेश देकर मृत्यु उपरांत अंगदान से लेकर देह दान तक को प्रचारित करें। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इन सभी दुश्वारियों से देशवासियों को निजात दिलवाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना किया जाना अत्यंत आवश्यक है। श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि वह इस ज्ञापन की प्रति देश के सभी सांसदों को भेजकर इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाने की हर संभव कोशिश करेंगे।
अनूठी मांग अनूठेअंदाज की पहल कर्मयोगी संस्थान ने करके मृतकों के सम्मान को स्थापित करने का सराहनीय प्रयास किया है