-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा विधानसभा (उत्तर) के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कोटा नगर विकास न्यास के आवासीय व व्यवसायिक भूखंडों की नियम विरुद्ध लॉटरी निकालने वाले दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने व लॉटरी आवंटन निरस्त करने की मांग की है।

श्री गुंजल ने कहा है कि इन व्यवसायिक भूखंडों की लॉटरी में राज्य सरकार के आरक्षित कोटे के राजकीय कर्मचारियों को 10 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत, पत्रकारों को 2 प्रतिशत, दिव्यांगों 5 प्रतिशत, निराश्रित व भूमिहीन एकल महिला को 10 प्रतिशत ट्रांसजेंडर 2 प्रतिशत को भूखंड आवंटन में आरक्षण नहीं दिया गया जबकि दूसरी ओर सात आवासीय योजनाओ आरकेपुरम-बी, श्रीनाथपुरम-बी व डी, स्वामी विवेकानंद नगर, रानी लक्ष्मीबाई, विनोबा भावे नगर, सुभाष नगर, अनंतपुरा की फिक्स दाम लॉटरी में चुनिंदा धनाढ्य व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में नियम विरुद्ध शिथिलता देकर लाभ पहुंचाया गया है।
श्री गुंजल ने लिखा कि कोटा नगर विकास न्यास के अभी तक के इतिहास में फिक्स दाम की लाटरी हमेशा भूमिहीनों या जिन व्यक्तियों के पास स्वयं का मकान भूखंड नहीं हो, को ध्यान में रखकर निकाली जाती रही है परंतु इस बार उपरोक्त पेरे में वर्णित शर्त को दरकिनार कर चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है। उनका दावा है कि कहा कि इसका पता लॉटरी खुलने के बाद लगा जब बड़े नाप के कुल 30 भूखंडों में से लगभग 20 से 25 भूखंडों पर मात्र दो परिवारों का कब्जा हो गया। जिन भूखंडों की बाजार दर लगभग छह हजार प्रति वर्ग फीट है उन्हें फिक्स दाम 3800 रुपये प्रति वर्ग फीट में ज्यादातर भूखंड दो परिवारों को दे दिए गए हैं। श्री गुंजल ने मांग की है इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर षडयंत्र पूर्वक राजकीय भूमि खुर्द-बुर्द करने का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए व उक्त भूखंडों का आवंटन भी निरस्त किया जाये।