कोटा मेंं कड़ी सुरक्षा के बीच किया राधेश्याम का अंतिम संस्कार

राधेश्याम ने अपने वार्ड के पार्षद और उसके साथियों पर उसके साथ मारपीट करने के मामले में नयापुरा थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाए जाने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करने के विरोध में पिछले दिनों नयापुरा थाना परिसर में अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली थी।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा के नयापुरा थाना परिसर मेंं अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आत्मदाह करने वाले युवक राधेश्याम मीणा का आज पुलिस के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। राधेश्याम मीणा की कल नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद उसके शव को आज सुबह कोटा लाया गया था।
राधेश्याम ने अपने वार्ड के पार्षद और उसके साथियों पर उसके साथ मारपीट करने के मामले में नयापुरा थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाए जाने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करने के विरोध में पिछले दिनों नयापुरा थाना परिसर में अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली थी।
इसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे उसकी आग को बुझाकर उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां उसकी हालत बिगड़ते देख कर चिकित्सकों ने उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। जयपुर के अस्पताल में भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद उसे नई दिल्ली ले जाकर सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उसने कल दम तोड़ दिया। उसके बाद उसके शव को आज कोटा लाया गया था।
किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने राधेश्याम मीणा के गांवडी स्थित आवास के आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। यहां तक कि नयापुरा सिविल लाइंस स्थित राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्तशासन मंत्री शांति धारीवाल के निजी आवास के बाहर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। ऐसी सूचना मिली थी कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ बाहरी नेता यहां आकर इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसी को देखते हुए यह सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। बाद में राधेश्याम मीणा की पत्नी और अन्य परिवार जनों को जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर के पास ले जाया गया जहां मृतक के परिजनों को मुआवजे के मसले को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी। उसके बाद पुलिस के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच राधेश्याम मीणा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान किसी प्रकार की अप्रय घटना का समाचार नही है।
बताया जाता है कि परिवार की मांग थी कि उन्हें मौत के बदले 60 लाख रुपए का मुआवजा, सरकारी नौकरी और आवास मुहैया कराया जाए। हालांकि जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर का कहना है कि सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती और इतनी बड़ी राशि भी संभव नहीं होगी, क्योंकि यह मामला आत्महत्या से जुड़ा है। इस मामले में अब 306 धारा जोड़कर आगे की कार्रवाई होगी। जिला परिषद प्रशासन ने भी नहीं बताया कि कितना मुआवजा दिया जाएगा। जानकारों से पता चला है कि 6 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी जिसमें एक लाख रुपए निजी स्कूल, जहां राधेश्याम की पत्नी पढ़ाती थी, दो लाख रुपए शहर एसपी, तीन लाख एसटीएससी विधवा कोटा से मिलेंगे।

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