
-दुष्यंत सिंह गहलोत-

कोटा। कोचिंग सिटी के डीसीएम इलाके फैक्ट्री में काम करते समय एक स्कूली छात्र की दर्दनाक मौत के मामले में करीब 37 घंटे बाद भी परिजनों ने शव को नहीं उठाया। शव मोर्चरी में तीन दिन से रखा है।
रात भर से परिजन अस्पताल की मोर्चरी के बाद डटे रहे। हालांकि रात भर से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने संदेश का प्रयास किया लेकिन तमाम प्रयास नाकाम साबित हुए। परिजन फैक्ट्री प्रबंधक व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई व 20 लाख रुपए के मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
छात्र पढ़ाई के साथ फेक्ट्री में ठेकेदार के पास पार्ट टाइम काम करता था। कल दोपहर को भी मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव उठाने से इंकार करते हुए मोर्चरी के नारेबाजी कर प्रदर्शन किया था।
फेक्ट्री में छात्र क्रेन से लोहे का बंडल बांधकर दूसरी जगह शिफ्ट कर रहा था। उसी दौरान क्रेन की कड़ी टूट गई। जिससे लोहे का बंडल नीचे गिर गया। बंडल छात्र पर आकर गिरा। उसे गंभीर चोट लगी। उसे इलाज के लिए एमबीएस हॉस्पिटल लाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक छात्र सुरजीत यादव 11 वीं में पढ़ता था और पार्ट टाइम काम भी करता था। हालांकि मृतक की उम्र को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई। परिजन सुरजीत की उम्र 17 साल बता रहे है।
छात्र सुरजीत के पिता व भाई गुजरात में मजदूरी करते है। सुरजीत श्री राम नगर कॉलोनी में दादा दादी के पास रहता है। उसके चाचा आर्मी में है। सुरजीत 3-4 महीने से पार्ट टाइम जॉब के लिए थेगड़ा स्थित फेक्ट्री में जाता था। काम होने पर ठेकेदार उसे फोन करके बुलाता था। सुरजीत सोमवार को फेक्ट्री में काम से गया था। व हक्रेन से लोहे का बंडल बांध कर दूसरी जगह शिफ्ट कर रहा था। शिफ्टिंग के दौरान कड़ी टूटने से बंडल नीचे गिर गया। जिससे उसके सिर पर गम्भीर चोट लगी। फेक्ट्री में मौजूद लोग उसे दोपहर के एमबीएस हॉस्पिटल लेकर आए। परिजनों को शाम को हादसे का पता लगा। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। फिलहाल उद्योगनगर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है