
– प्रथम पर 12 कमरे, नई भोजनशाला और दो स्नानागार की भी सुविधा मिली
– स्थापना दिवस पर 45 लाख रुपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण
कोटा। मानसिक विमंदित, बेसहारा, लाचार और घर से प्रताड़ित लोगों के लिए आसरा अपनाघर में रहने वाले प्रभु जी की सुविधाओं में रविवार को बढ़ोतरी हो गई। यहां स्थापना दिवस के अवसर पर करीब 45 लाख रुपए से अधिक राशि से हुए निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम के बाद अब जल्द ही यहां रहने वाले प्रभु जनों को और बेहतर सुविधाएं मिलना शुरू हो गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक कोटा संभाग प्रसन्न कुमार खमेसरा रहे। इसके साथ ही विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के विशिष्ट न्यायाधीश योगेश शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण कुमार वर्मा, मां माधुरी बृज वारिस सेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव चन्द्रशेखर गुप्ता रहे।
अतिथियों ने रिबन काटकर सुविधाओं का लोकार्पण किया तथा यहां रहने वाले प्रभुजनों को दुपट्टा पहनाकर स्वागत करते हुए कमरों में प्रवेश करवाया। अतिथियों ने सभी कमरों व सुविधाओं का जायजा भी लिया। इससे पूर्व परिसर में सुंदरकांड का आयोजन किया गया। पूजा के बाद लोकार्पण हुआ।
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पीड़ित मानवता की बड़ी सेवा: खमेसरा
आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने कहा कि अपनाघर आश्रम में सच्चे अर्थों में सेवा हो रही है। यहां पीड़ित मानवता की सबसे बड़ी सेवा की जा रही है, यही कारण है कि सारे कार्य अपने आप होते चलते जाते हैं। यहां बोर्ड पर प्रभु जी को चिट्ठी लिख दी जाती है और वो मांग पूरी भी हो जाती है। ये विश्वास सेवा की ईमानदारी से ही आ सकता है। योगेश शर्मा ने कहा कि यहां सेवा के साथ संस्कार भी हैं। परिवार के साथ लोग यहां आते हैं और सेवा करके चले जाते हैं। जो यहां आता है वो कुछ न कुछ पाकर जाता है।
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ये हुई सुविधाओं में बढ़ोतरी
शहर के पाॅलीटेक्निक काॅलेज के पीछे संचालित अपनाघर आश्रम में जनसहयोग से 15 लाख रुपए की लागत से 12 कमरों का निर्माण करवाया गया। प्रत्येक कमरे में 7 बेड होंगे। इसके अलावा ग्राउण्ड फ्लोर पर छज्जे व गैलेरी तथा प्रथम तल पर छज्जे व गैलेरी में रैलिंग लगाई गई। दो स्नानागार का निर्माण करवाया गया तथा बड़ा डाइनिंग हाॅल तैयार किया गया।
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300 प्रभुजन तक हो जाएगी क्षमता
समारोह में स्वागत उद्बोधन देते हुए अपनाघर के संरक्षक राजेश शर्मा ने परिचय दिया। उन्होंने वर्तमान स्थिति और सुविधाओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद वित सचिव नीरज शृंगी ने गत वर्ष के आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सेंगर ने अपनाघर में रहने वाले प्रभुजनों के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान मंे 223 प्रभुजन यहां रह रहे हैं। इसमें 155 महिलाएं तथा 68 पुरुष हैं। पुरुषों के लिए स्थान कम था, इसलिए मजबूरन हमें प्रभुजन को कहीं और भेजना पड़ता था। भरतपुर और दिल्ली तक की सेवाएं लेते थे लेकिन अब सुविधाएं बढ़ने के बाद और अधिक पुरुष प्रभुजनों को स्थान मिल सकेगा। यहां 12 कमरों का लोकार्पण हुआ है। हर कमरे में 7 पलंग लगाए जाएंगे। ऐसे में 84 पुरुष प्रभुजनों को और अधिक स्थान मिल सकेगा। इस निर्माण के साथ ही कोटा भरतपुर और दिल्ली के बाद देश का तीसरा बड़ा अपनाघर आश्रम हो जाएगा, जहां आने वाले समय में 300 से अधिक प्रभुजन रह सकेंगे। कार्य में अपनाघर के समन्वयक विनोद खंडेलवाल ने आने वाली योजनाओं की जानकारी दी व सुविधओं के विस्तार के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ.योगेन्द्र मणि कौशिक व देवेन्द्र आचार्य ने किया।
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प्रभुजनों ने दी प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में सम्बोधन के साथ ही प्रभुजनों की प्रस्तुतियों ने मन मोहा। प्रार्थना, भक्ति गीत और संगीत पर प्रभुजनों की प्रस्तुतियों पर सभी अतिथियों ने खूब तालियां बजाई और उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही सुंदरकांड में भी प्रभुजन बैठे और भक्ति पाठ का आनन्द लिया।
बेसहारों का सहारा अपना घर आश्रम,समाज सेवा का उत्कृष्ट नमूना है,समाज सेवा ही परमात्मा की सेवा है इस सेवा कार्य से अक्षय पुण्य मिलता है . समाज के सम्पन्न तथा सक्षम लोगों को अपना घर आश्रम को आर्थिक संबल प्रदान करना चाहिए तथा आम जन को आश्रम की गतिविधियों में सहयोग देना चाहिए ताकि आश्रम के लोग सुखमय जीवन यापन करसकें