
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने कहा है कि देश की राजनैतिक राजधानी नई दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुम्बई को जोड़ने वाले 1350 किलोमीटर लम्बे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर मध्यप्रदेश की भांति राजस्थान में भी किसानों के आवागमन के लिए सर्विस रोड़ बनाई जाये क्योंकि खेती कार्यो के लिए आवश्यक है।
पूर्व विधायक श्री राजावत ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के नाम इस आशय का ज्ञापनपत्र जिला कलक्टर को सौंपते हुए कहा कि हालांकि दुनियां के सबसे बड़े इस एक्सप्रेस-वे के लाभों की लम्बी सूची है लेकिन दिक्कत यह है कि इससे किसानों के आवागमन का मार्ग बन्द हो गया है और परेशानी से जूझ रहे किसानों के सामने जीवन-मरण का संकट उत्पन्न हो गया है। जिन किसानों के खेतों के बीच से एक्सप्रेस वे निकल रहा है, उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक खेत रोड़ के इस तरफ है और दूसरी रोड़ के दूसरी तरफ, ऐसे में वह असमंजस में है कि खेती कैसे करे या जमीन को ही बेच दे।
श्री राजावत ने बताया कि ठीक ऎसी ही समस्या मध्यप्रदेश में किसानों की थी लेकिन इस पीड़ा को समझते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रतलाम, मंदसौर, झाबुआ में एक्सप्रेस के दोनों ओर 10-10 फीट की डब्ल्यूबीएम सड़क के निर्माण के आदेश जारी कर दिये हैं और इसके लिए भूमि अधिग्रहण भी शुरू हो गया है। श्री राजावत ने श्री गडकरी से आग्रह किया है कि वे मध्यप्रदेश की भांति राजस्थान में भी आठ लेन एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर जमीन अधिगृहीत कर डब्ल्यूबीएम सड़क बनवाने के आदेश जारी करें।
श्री राजावत के साथ ज्ञापन देने वालों में किसान मोर्चा उपाध्यक्ष महावीर सुमन, जाखोड़ा सहकारी के चेयरमेन शंकरलाल नागर, अरण्डखेड़ा के पूर्व उपसरपंच सत्यनारायण नागर, पूर्व मण्डल अध्यक्ष कान सिंह, किसान मोर्चा मंत्री निखिलेश नागर, हिंदू सनातन मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश भारद्वाज, ओबीसी मोर्चा के उपाध्यक्ष पप्पू नागर आदि प्रमुख थे।