
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा के मीणा समाज विकास समिति ने आर्थिक रूप से पिछड़े आदिवासी मीणा समाज के बच्चों के उच्च शिक्षा के प्रबंधन का जिम्मा उठाने का निर्णय किया है।
मीणा समाज विकास समिति ने कहा है कि आदिवासी मीणा समाज के प्रतिभावान और उच्च शिक्षा के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं को न केवल शिक्षा ग्रहण करने के लिये हर संभव मदद की जायेगी बल्कि उच्च संस्थानों में कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से समाज कोटा सहित जयपुर तक उनके शिक्षा ग्रहण करने में हर संभव सहयोग करेगा। यहां तक कि उनके लिए हॉस्टलों में आवास को भोजन की भी व्यवस्था होगी। आर्थिक संसाधनों के अभाव में किसी भी छात्र-छात्रा के शैक्षणिक उन्नयन उत्थान में बाधा नहीं आने देने का संकल्प व्यक्त किया गया।
कोटा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दरा इलाके में मंदिरगढ़ में दुर्गम रास्ते पर स्थित एक विद्यालय में मीणा समाज के स्कूली बच्चों को किताबें और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करने के अवसर पर मीणा समाज विकास समिति की ओर से आयोजित एक समारोह में मंगलवार को यह घोषणा की गई। मीणा समाज विकास समिति के पदाधिकारी मंगलवार को मंदिरगढ़ गांव पहुंचे जहां विद्यालय में स्कूली बच्चों को गर्म वस्त्र और स्कूली बैग समारोह के दौरान वितरित किए। समारोह में समिति ने संकल्प लिया कि यहां के स्कूली बच्चे जो उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं,उन प्रतिभावान बच्चों को समिति की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। 12 वी कक्षा में पढ़ाई करने वालों को हॉस्टल रहने खाने की व्यवस्था समिति करेगी, वही उच्च शिक्षा के लिए जयपुर भी विद्यार्थी अध्ययन के लिए जाना चाहते हैं, उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी समिति की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। समिति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को किसी भी परेशानी का सामना नही करना पड़ेगा,गांव के बच्चो की शिक्षा का ज़िम्मा उठाकर शैक्षणिक उत्थान में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। समिति ने गांव में समय-समय पर चिकित्सा कैंप एवं ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर शिविर लगाने की भी घोषणा कर ग्रामीणों से शिक्षा के प्रति जागरूक रहकर अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेंजेने की अपील की।
मंदिर गढ़ विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आदिवासी बच्चों ने आकर्षक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह उपस्थित अतिथियों ने बच्चों का उत्साहवर्धन कर उन्हें पुरस्कार वितरित किए और अभिभावकों को शिक्षा के प्रति गंभीर होकर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही चिकित्सा शिविर भी लगाया गया जहां चिकित्सकों ने ग्रामीणों को देखा और दवाइयां वितरित की।