
-पगमार्क फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
-देवव्रत सिंह हाडा-
वनकर्मियों की बेमियादी हड़ताल को लेकर पूरे प्रदेश के वन एवम् टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर खतरा बड़ गया है। वनकर्मियों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य का बहिष्कार कर दिया है और मुख्यालयों पर धरना दिया जा रहा है।
पगमार्क फाउंडेशन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वनकर्मिओ की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया है क्योंकि वनसेवक महीनों घर से दूर रहते हुए, जंगली जानवरों के बीच, बेजुबान पेड़ों और जानवरों की रक्षा करते हैं, जो खुद यह नहीं बता सकते कि उनका दमन किया गया है उनको सड़क उतरना पड़ रहा है ये दुर्भाग्यपूर्ण है। वन विभाग के होने से जंगल बचे हुए है और जंगल है तो जीवन है इनकी मांगे जायज है और इन्हें मान लेना चाहिए और जल्द से जल्द प्रकृति को बचाने की मुहीम को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से बाघों सहित अन्य वन्यजीव की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रदेश में जिन भी लोगों को वनों और उसमें आवास करने वाले वन्य जीवों के प्रति जरा भी चिंता है तो उन्हें राज्य सरकार पर इस बात के लिए दबाव बनाना चाहिए, आग्रह करना चाहिए कि वह वन कर्मियों की जायज मांगों को स्वीकार करें ताकि उनकी हड़ताल समाप्त हो सके और प्रदेश के वन और वन्य जीवन की सुरक्षा को एक बार फिर से सुनिश्चित किया किया जा सके क्योंकि वन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण वन क्षेत्र असुरक्षित से हो गए हैं और उनकी सुरक्षा-संरक्षा को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में वाजिब चिंता है। राज्य सरकार को भी इस चिंता को समझना चाहिए और वन और वन्यजीवो की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों की हड़ताल को तुड़वाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।