
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। समाज के उत्थान में ट्रांसजेंडर्स की भूमिका समान है तो सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी उन्हें बराबर के अवसर प्राप्त हैं। राज्य सरकार ने तो ट्रांसजेंडर्स की अहम भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए उनके लिए अलग से कोष का भी गठन किया है।
राजस्थान के कोटा में जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने यह विचार रविवार को ट्रांसजेंडर्स दिवस के अवसर पर कलक्ट्रेट में आयोजित एक कार्यशाला में व्यक्त किये। ट्रांसजेंडर्स उत्थान कोष की जानकारी देने के लिए आयोजित एक कार्यशाला में आज श्री बुनकर ने जिले भर से बुलाए गए ट्रांसजेंडर्स को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कलक्टर ने कहा कि ट्रासजेंडर्स के प्रति समाज को नजरिया बदलना होगा, अब शिक्षा एवं रोजगार के अवसर मिलने से ट्रांसजेंडर्स का भी समाज के विकास में अहम योगदान है।
श्री बुनकर ने कहा कि राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए उत्थान कोष का गठन किया है जिसमें शिक्षा, रोजगार एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए अनेक प्रावधान किये गये है। श्री बुनकर कहा कि ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोई विद्यालय मना नहीं कर सकता, सरकार द्वारा छात्रावास की व्यवस्था कर रखी है। आवास के किराये का पुर्नभरण भी किया जाता है।
श्री बुनकर ने कहा कि युवा ट्रांसजेंडर्स शिक्षा प्राप्त कर अपना रोजगार स्थापित करना चाहें तो उनके लिए कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है। स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 50 हजार सब्सिडी की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि समाज में ट्रांसजेडर्स के प्रति व्याप्त भेदभाव को सभी को मिलकर दूर करना होगा। सामाजिक बुराई को दूर करने का समय है इसमे सभी लोगों को आगे आना चाहिए।
उप महापौर दक्षिण पवन मीणा ने कहा कि प्रदेश जैसे विकास के पथ पर अग्रसर है उसी प्रकार प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए योजनाऐं चलाई जा रही है। उन्होंने सभी ट्रांसजेंडर्स को उत्थान कोष को लाभ लेने एवं समाज के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने का आव्हान किया।
उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश तोषनीवाल ने ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा एवं रोजगार स्थापना के लिए उन्हें हरसंभव मदद दिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि जनआधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र बनवाने से शेष सभी ट्रांसजेंडर्स को पहचान पत्र बनवाने के लिए शिविर लगवाने की बात कही। कार्यशाला में मानव कल्याण समिति के मनोज जैन आदिनाथ ने प्रति वर्ष ट्रांसजेडर्स के लिए खेलों का आयोजन संस्था की ओर से करने का प्रस्ताव दिया।
ट्रांसजेडर्स समाज की तारादवी भुआजी ने जिला प्रशासन की ओर से पहली बार आयोजित किये गये इस प्रकार के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उन्हे 72 वर्ष में समाज में अनेक संघर्ष करने पडे है। सरकार की ओर से शुरू की गई योजना से परिवर्तन आयेगा। हीरादेवी ने किन्नर ने समाज में आने वाली परेशानियों के बारें में बताया। मनीषा बाई ने बस एवं ट्रेन की यात्रा के समय रिजर्वेशन के समय ट्रांसजेंडर्स का विकल्प भी रखने का सुझाव दिया। नैनादेवी ने योजनाओं का लाभ देने के लिए जिला प्रशासन की पहल की सराहना की।
जिला प्रशासन द्वारा पहली बार आयोजित की गई कार्यशाला के लिए ट्रांसजेंडर्स प्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर एवं अतिथियों का सम्मान किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सभी ट्रासजेडर्स का शॉल ओढाकर सम्मान किया। इस अवसर पर सहायक निदेशक बाल अधिकारिता भगवानसहाय शर्मा, कर्मयोगी सेवा संस्थान के राजाराम जैन, अलका दुलारी, डॉ.एस.के साहनी सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं जिले भर के ट्रांसजेडर्स उपस्थित रहे।