बुजुर्ग यानी अनुभव का खजाना

एक पूरा दौर उनकी आंखों से होकर सामने आ जाता पूरी की पूरी शताब्दी अपने यथार्थ के साथ अपने रूप रंग के साथ सामने होती

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photo courtesy pixabay.com

– विवेक कुमार मिश्र-

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डॉ. विवेक कुमार मिश्र

एक बुजुर्ग की कथा

एक बुजुर्ग का होना
अपने साथ समय का होना होता है
आपके साथ समय पहरेदारी इस तरह करता कि
पूरी दुनिया की दुनिया दारी सामने हो
अनुभव का खजाना
इस तरह होता कि कुछ खोजना ही नहीं पड़ता

एक बुजुर्ग
बड़ी बड़ी आंखों के साथ
मुख्य द्वार के सामने
तख्त पर बैठे होते
उनके साथ घर दरवाजे और परिवार का
इतिहास सामने होता
उनके साथ एक बीते समय का
सघन यात्रा का इतिहास सामने आ जाता है

बुजुर्ग कहां थे कहां से चलें और कहां गये
सब आप से आप खुलना शुरु हो जाता
किस तरह दौड़ लगाते कैसे मीलों बिना थके दौड़ जाते
बस आपके पास सुनने का धैर्य हो कथा शुरु हो जाती
अपने वास्तविक और अतिश्योक्ति रूप में एक साथ
हर कहानी में हर कथा में हमारे बुजुर्ग होते

नायक की तरह होते कहीं भी पीछे नहीं
सबसे आगे अपनी और अपने साथ की
समय की कहानी सुनाते चलते
एक पूरा दौर
उनकी आंखों से होकर सामने आ जाता
पूरी की पूरी शताब्दी अपने यथार्थ के साथ
अपने रूप रंग के साथ सामने होती

इस तरह होती कि सब कुछ यहां उतर जायेगा
बुजुर्ग के साथ समय कहानियों किस्सों की शक्ल में
वास्तविक जिंदगी का यथार्थ बन सामने आ जाता
यहां गल्प भी वास्तविक इतिहास की तरह आता
एक एक कर सारा समय उनके यहां
स्मृतियों के पन्ने से चल पड़ता है।

– विवेक कुमार मिश्र

(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago


डाक्टर मिश्रा ने परिवार के बुजुर्ग मुखिया की कुंडली खोलकर रख दी है. परिवार का बुजुर्ग खरा सोना होता है जिसे जब चाहे आग में तपाकर देखें ्

Vivek Mishra
Vivek Mishra

बुजुर्ग परिवार की मूल्यवत्ता पहचान और घर के घर होने की सत्ता को प्रमाणित करते हैं । नई पीढ़ी को संस्कार की पाठशाला बुजुर्ग पीढ़ी से ही मिलता है ।