फिर कैमरे में कैद हुआ तेंदुआ, लोगों में दहशत बरकरार

इस इलाके में तेंदुए की पहली तस्वीर गुरुवार रात 11 बजे एक युवक ने अपने मोबाइल में कैद की थी। जिसमें तेंदुआ गढ़ की दीवार पर खड़ा नजर आ रहा था। वीडियो सामने आने के बाद इलाके के लोग अभी भी दहशत में है। फारेस्ट विभाग की टीम ने शुक्रवार को पुराने महल (गढ़) में 3 जगहों पर कैमरे व 3 जगहों पर पिंजरे लगाए थे। पिंजरे में तेंदुए के खाने के लिए मुर्गा,मीट व सड़ी मछली रखी थी। ताकि मछली की दुर्गंध से तेंदुआ बाहर निकले और खाने के चक्कर में पिंजरे में पकड़ में आए।

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-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। नांता इलाके में स्थित पुराने महल (गढ़) में तेंदुए को छिपे हुए 65 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया। 7 कैमरे व तीन पिंजरे लगाने के बाद भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया। शुक्रवार रात के बाद शनिवार रात को भी तेंदुए के मूवमेंट की जानकारी सामने आई है। कैमरा ट्रेप में तेंदुए की साफ तस्वीर कैद हुई है।
फारेस्ट विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुआ पुराने महल के 500 मीटर एरिए में घूमा है। 5 कैमरों में उसकी तस्वीर कैद हुई है। रविवार को महल में सर्च के दौरान झाड़ियों के पास एक पिल्ले का शव भी मिला है। जिसका शिकार तेंदुए ने किया था।हालांकि वो पिंजरे में कैद नहीं हुआ। विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के प्रयास करेगी। उसे डिस्टर्ब करके बाहर निकालने की कोशिश करेगी। तस्वीर दिखने के बाद एक्सपर्ट मादा तेंदुआ मान रही है।

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अभी भी दहशत में इलाके के लोग

इस इलाके में तेंदुए की पहली तस्वीर गुरुवार रात 11 बजे एक युवक ने अपने मोबाइल में कैद की थी। जिसमें तेंदुआ गढ़ की दीवार पर खड़ा नजर आ रहा था। वीडियो सामने आने के बाद इलाके के लोग अभी भी दहशत में है। फारेस्ट विभाग की टीम ने शुक्रवार को पुराने महल (गढ़) में 3 जगहों पर कैमरे व 3 जगहों पर पिंजरे लगाए थे। पिंजरे में तेंदुए के खाने के लिए मुर्गा,मीट व सड़ी मछली रखी थी। ताकि मछली की दुर्गंध से तेंदुआ बाहर निकले और खाने के चक्कर में पिंजरे में पकड़ में आए।
शनिवार सुबह फोटेस्ट की टीम ने कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की तो तेंदुए की धुंधली तस्वीर नजर आई। जिसके बाद टीम ने 4 ऒर जगहों पर कैमरे लगाए है। साथ ही पिंजरों की लोकेशन भी बदली थी। शनिवार रात को 7 कैमरों से निगरानी की गई। जिसमें 5 कैमरों में तेंदुए की तस्वीर कैद हुई।

स्कूल बंद, गली में बेरिकेट लगाया

पुराने महल (गढ़) में दो सरकारी स्कूल संचालित होते है। जिनमें 550 के करीब बच्चे है। शुक्रवार से स्कूल को बंद किया हुआ है। छुट्टी का दिन होने के कारण रविवार को भी स्कूल बंद रहा। डर के कारण रात के समय इलाके के कुछ लोग छत पर हेलोजन जलाए रखते है। ताकि रोशनी देखकर तेंदुआ उनकी तरफ नहीं आए। वहीं पुराने महल के पीछे वाली गली में स्थानीय लोगों ने रास्ता बंद कर दिया है। यहां लोहे की जाली से बेरिकेट लगा रखा है।

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