
लम्हें
-प्रकाश केवडे-

जिंदगी लम्हों की
एक माला है
कोई लम्हा उजला
तो कोई काला है।
कोई लम्हा कुछ
दे गया
कोई लम्हा सब
कुछ ले गया
कुछ लम्हे सुकून
दे गये
कुछ लम्हे दर्द की
दास्तां बने
ना जाने अगला लम्हा
कैसा होगा?
आने वाला समय
उसकी दास्तां कहेगा
हर लम्हा बेशकीमती
है यारों
हंसी ख़ुशी मिलकर इसे
गुजारों यारों।
Advertisement
????????????????