
खता
-प्रकाश केवडे-

बचपन मुझे छोड़कर
जाने की वजह बता
नादानी में ही सही पर
हुई क्या खता ये तो बता।
वो खिलौने वो खेल
सब कुछ यहीं तो हैं
पर मेरे संग खेलने वाले
कहां गये यह तो बता।
एक तेरे जाने के बाद
मासूमियत भी चली गई
गुरूर संग गुजारा कैसे करूं
जरा यह तरकीब तो बता।
-प्रकाश केवडे
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