जो दिखा , जो मिला सब भरा ही भरा मिला

vivek mishra
डॉ विवेक कुमार मिश्र
 भाव से भरा हुआ खाली नहीं होता

– विवेक कुमार मिश्र-

जब – तब कविता और सूत्र मिल ही जाते
जीवन पथ पर चलते – चलते
एक न एक मंत्र रखना पड़ता
जिससे जिंदगी बंधी होती
ऐसा नहीं है कि आप यहां होते हुए
संसार में कहीं भी होने का दावा कर सकें

न ही होना जरूरी होता
पर इतना तो तय है कि
आप होते हैं तो सूत्र और जिंदगी के रंग भी होते हैं
ऐसा नहीं हो सकता कि आप आदमी को यूं ही
सांसारिक होने का ठप्पा दें दे

यदि वह संसार में होते हुए भी
संसार का नहीं है तो किस बात की सांसारिकता
और सांसारिकता को …
सूत्र में कहां समझा जा सकता
यह तो जीवन पथ पर
जीवन क्रम में सीझते हुए ही जाना जा सकता

और जिस किसी ने भी जीवन भट्टी को जान लिया
उसे कुछ भी जानने के लिए बाकी नहीं रह जाता
यह जो संसार है वह तो इसी तरह चलता आ रहा है
यहां कविता और अभाव के बीच से
भाव का ऐसा समंदर झरता रहता है कि
कभी भी कुछ कमतर दिखा ही नहीं
जो दिखा , जो मिला सब भरा ही भरा मिला ।

– विवेक कुमार मिश्र

(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments