नाव की वेदना

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प्रतीकात्मक फोटो

-प्रकाश केवडे-

prakash kevde
प्रकाश केवडे

नदी के किनारे
अकेली पडी थी
ख्यालों में उलझी थी
बरबस पानी को
देख सोच रही थी
क्या पाया मुसाफिर
को किनारे लगा कर
जो उस पार बैठने
से पहले पांव पडता है
वही पार लगने पर
मुझ पर पांव रख
आगे बढता है।

प्रकाश केवडे

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Neelam
Neelam
2 years ago

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