प्रकृति के हर रूप में है नारी

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फोटो साभार अखिलेश कुमार
नारी 

-मनु वाशिष्ठ-

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मनु वशिष्ठ

प्रकृति के हर रूप में,
जादू है,अनमोल तोहफा है नारी।
हर घर का आंगन है,
आंगन में उगी तुलसी है नारी।
शिव की शक्ति,पुरुष की भक्ति
सृष्टि की अभिव्यक्ति का आधार है नारी।
बिन स्त्री घर नहीं, मकान है,
घर को घर बनाए रखती,सुरुचि है नारी।
लक्ष्य के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति,
असुरों के लिए महाकाली, दुर्गा है नारी।
हिन्दू की गीता,मुस्लिम की कुरान,
गुरू ग्रंथ साहिब, बाइबल सी पावन है नारी।
प्रेम और सेवा की मूरत,
दुख में दिलासा,दर्द में मल्हम सी नारी।
सबकी मन की बात जान ले,
सब को धारण करे जो, वसुंधरा है नारी।
साहस और सामर्थ्य में,
कभी ना हारे,हौसलों की उड़ान है नारी।
अंधकार में जलता चिराग है,
निराशा में उम्मीद की किरण है नारी।
जीवन के हर रिश्ते की आधार,
प्रभु का दिया अनमोल उपहार है नारी।
दुनिया की आधी हिस्सेदारी,
मानो या ना मानो,सबके लिए वरदान है नारी।
प्रकृति की प्रतिकृति है,
इसीलिए तो भारी है सब पर नारी।
__ मनु वाशिष्ठ कोटा जंक्शन राजस्थान

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