बुजुर्ग कहीं नहीं जाते बस हमारे साथ चलते रहते हैं

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photo courtesy un.org

– विवेक कुमार मिश्र-

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डॉ. विवेक कुमार मिश्र

हमारे साथ चलते रहते हैं

बुजुर्ग
बात करने से हालचाल ले लेने से
सम्मान कर लेने से खुश हो जाते
उन्हें कुछ ऐसा वैसा नहीं चाहिए
बस सम्मान के साथ कोई देखने वाला
समय समय पर पूछने वाला
खोज खबर लेने वाला चाहिए

वे जी लेते हैं
जब कोई हाल चाल पूछ लेता
घर का कोई सदस्य आगे बढ़ता वो खुश हो जाते
हर घटना को कहानी की तरह जीते
घर की देहरी और दीवारों की पहचान बुजुर्ग ही होते

घर की हर चौखट पर हर दीवार पर
इनकी कांपती उंगलियों का स्पर्श होता
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते
घर की दीवारों और चौखट के साथ पड़े होते हैं

समय के बदलते संदर्भ के साथ
हम सबकी जीवन यात्रा में बुजुर्ग चलते रहते हैं
हर यात्रा में उनका ही आशीर्वाद चलता रहता है ।
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते बस हमारे साथ चलते रहते हैं ।

 

– विवेक कुमार मिश्र

(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)

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D K Sharma
D K Sharma
2 years ago

बुजुर्ग उस पेड़ की तरह हैं जिस की छाया में उनका परिवार फूलता फलता है और सुरक्षित रहता है।

विवेक मिश्र
विवेक मिश्र
Reply to  D K Sharma
2 years ago

जी सच कहा