आरटीएच बिल के बिना भुगतान के प्रावधान से निजी अस्पताल पर अस्तित्व का संकट

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– कोटा के निजी चिकित्सकों ने स्थगित रखी चिकित्सा सेवाएं, मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

dushayant singh gehlot
दुष्यंत सिंह गहलोत

कोटा. इडियन माडेकल एसोसिएशन और ऑल राजस्थान प्राइवेट अस्पताल संघर्ष समिति द्वारा राजस्थान सरकार के आरटीएच बिल के विरुद्ध आंदोलन में 17 मार्च को कोटा के समस्त निजी अस्पतालों में किसी भी सरकारी योजना में कोई टीआईडी जेनरेट नहीं की गई और स्वेच्छा से अनिश्चितकाल तक समस्त चिकित्सा सुविधाएं स्थगित करने का निर्णय लिया गया। शनिवार को कोटा शहर के निजी चिकित्सा संस्थाओं के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया और बिल को लागू नहीं करने की बात कही। चिकित्सकों ने इस दौरान धरना दिया और नारेबाजी की साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया और इस बिल का सम्पूर्ण विरोध किया। निजी चिकित्सकों का कहना है कि यह आरटीएच बिल सरकार का नागरिकों को उचित और संतोषजनक चिकित्सा सुविधाए प्रदान करने की अपनी वैधानिक जिम्मेदारी से बचने का तरीका है। विभिन्न स्तरों पर सरकार ने पिछले कुछ समय से चिकित्सकों से वार्ता के नाम पर सिर्फ झूठे आश्वासन दिए हैं और वादा खिलाफी की है। सरकारी अस्पतालों से त्रस्त और असंतुष्ट जनता को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने वाले निजी अस्पतालों के अनुचित और गैर कानूनी अधिग्रहण के विरुद्ध सभी चिकित्सकों में भारी रोष है। इस रोष की अभिव्यक्ति में सुबह 11 बजे विज्ञान नगर एलिवेटेड रोड के नीचे 100 से भी अधिक चिकित्सा प्रतिष्ठानों के चिकित्सकों और सहायकों ने धरना और प्रदर्शन किया और और आईएमए व एआर-पीएचएसएस के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चिंताओं के विषय में जिलाधीश को अवगत कराया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इसी क्रम में रात को सीएडी चौराहे से केशवपुरा चौराहे तक एक कैंडल मार्च का भी आयोजन किया गया जिसमे शहर के सभी नामचीन चिकित्सकों ने भाग लिया। इसी क्रम में समिति ने जनता को हुई असुविधा के लिए खेद प्रकट किया और बताया कि आरटीएच बिल के बिना भुगतान के प्रावधान से निजी अस्पताल पर अस्तित्व का संकट होगा और वे देर सवेर बंद हो जाएंगे, जिससे न सिर्फ चिकित्सक बल्कि उनसे जुड़े हजारों लाखों सहायक कर्मी जैसे नर्सिंग कर्मी, फार्मासिस्ट और कई परिवार बेरोजगार होंगे और इन पर रोजी रोटी का संकट आ जाएगा।

– गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं से वंचित होगा मरीज

छोटे निजी चिकित्सालयों पर अनिवार्य प्राथमिक चिकित्सा देने की बाध्यता से कई मरीजों का गोल्डन हॉवर्स में श्रेष्ठ उपचार न मिल पाने से जीवन क्षति होने की संभावना रहेगी। 108 में सरकार के पास करसंग्रह से संचालित एंबुलेंस होते हुए भी छोटे अस्पतालों पर मरीज को स्थानांतरित करने की जिम्मेदारी डालने से मरीज को असुविधा, देरी और संस्थान पर अनावश्यक भार होगा। इसी प्रकार से सभी बीमारियों को लिए जाने से इन अस्पतालों में सभी सुविधाओं को शुल्क की बाध्यता से मुक्त कर दिया गया है जिससे कई महिला चिकित्सकों ने व्यवसाय छोड़ने की इच्छा जताई। लंबे समय तक जनता को निरंतर अच्छी गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के प्रयास के रूप में उन्होंने विभिन्न सामाजिक और वाणिज्यिक संगठनों से साथ देने का आग्रह भी किया।

– आज निकाली जाएगी विशाल वाहन रैली

इसी क्रम में रविवार को सुबह 10 बजे से विज्ञान नगर फ्लाई ओवर के नीचे से झालावाड़ रोड एरोड्रम, कोटड़ी, जेडीबी, अंटाघर, नेहरू पार्क से अदालत, नयापुरा, लकी बुर्ज, सरोवर रोड, रावतभाटा रोड, सीएडी रंगबाड़ी रोड, केशवपूरा चौराहा तलवंडी होते हुए फिर से विज्ञान नगर फ्लाइ ओवर के नीचे तक वाहन महा रैली का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान डॉ. आरपी मीणा, डॉ. संजय जायसवाल, डॉ. अमित व्यास, डॉ. राहुल अरोडा, डॉ. अखिल अग्रवाल, डॉ के के पारिक, डॉ अशोक शारदा, डॉ एस सान्याल, डॉ केवल डंग, डॉ रितिका माथुर, डॉ देशदीपक सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।

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