कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर कडवे बोल, संयम है जरूरी

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राउत ने कोई विवादित टिप्पणी की है।राउत के इस नए विवादित बयान पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने राउत को चीनी एजेंट करार दे दिया और उनके बयान को लेकर उन्हें देशद्रोही भी कहा।

राउत के बयान पर बयान पर बोम्मई की तीखी प्रतिक्रिया

-द ओपिनियन-

कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियां में है। करीब पांच दशक से चला आ रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन गत दिनों दोनों ही राज्यों की ओर के नेताओं को इसको लेकर बयानबाजी हुई और लोग सड़कों पर उतार आए। इन दिनों कर्नाटक और महाराष्ट्र विधानसभा दोनों का ही शीतकालीन सत्र जारी है। लेकिन इस बीच सीमा विवाद को लेकर कुछ टिप्पणियांे ने माहौल में और खटास ला दी। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के धड़े के नेता संजय राउत ने एक विवादित टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया कि जिस तरह चीन भारतीय क्षेत्र में घुसा उसी तरह वे कर्नाटक में घुस जाएंगे। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राउत ने कोई विवादित टिप्पणी की है। जब शिवसेना में बगावत हुई और शिंदे खेमा अलग हुआ तब भी उन्होंने कई विवादित टिप्पणी की थी।

sanajy raut
संजय राउत

राउत के इस नए विवादित बयान पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने राउत को चीनी एजेंट करार दे दिया और उनके बयान को लेकर उन्हें देशद्रोही भी कहा। बोम्मई ने यह भी कहा कि राउत इस तरह की टिप्पणी करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी और वह चीन जैसी घुसपैठ करते हैं तो भारतीय सैनिकों की तरह उनको मुंहतोड जवाब भी दिया जाएगा।
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कर्नाटक विधानसभा में प्रस्ताव पारितःकर्नाटक के हितों की रक्षा का संकल्प

इस बीच गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा ने महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया है जिसमें राज्यों के हितों की रक्षा का संकल्प व्यक्त किया गया है। सीएम बोम्मई द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कर्नाटक की भूमि, जल, भाषा और कन्नडिगा के हितों से संबंधित मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा। कर्नाटक ने एक प्रकार से अपना रूख फिर साफ कर दिया है। राउत के बयान के बाद आए इस प्रस्ताव में कई संदेश साफ हैं। सबसे अहम यह है कि कर्नाटक भी अपने रुख पर कायम हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसे संवेदनशील मसले पर विवादित बयानबाजी से बचना चाहिए। ऐसे मसले बयानबाजी से हल नहीं होते। इन संवेदनशील मसलों पर संयम बरता जाना चाहिए। राउत को पडोसी राज्य के साथ जारी सीमा विवाद पर चीन का संदर्भ देना किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे बयान भावनाएं ही भड़काते हैं। बोम्मई ने भी तीखा रुख अपनाया। उन्हें भी संयम दिखाना चाहिए था।

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